टैरिफ वॉर के बीच फिर बदले ट्रंप के सुर, PM मोदी को बताया 'सबसे अच्छा दोस्त'; जताई भारत से बात करने की इच्छा

Trump-Modi Talk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना 'बहुत अच्छा दोस्त' बताते हुए कहा कि वे आने वाले हफ्तों में उनसे बात करने के लिए उत्सुक हैं। ट्रंप का यह बयान हाल के तनावपूर्ण संबंधों के बीच एक सकारात्मक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जहां दोनों देशों के बीच 50% तक के टैरिफ और रूस से तेल खरीदने जैसे मुद्दों ने द्विपक्षीय व्यापार को प्रभावित किया था।
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा?
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई मुश्किल नहीं होगी।' यह बयान ट्रंप प्रशासन की ओर से हाल के दिनों में नरम रुख अपनाने का संकेत देता है, जो पहले भारत पर सख्ती बरत रहा था।
भारत-अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति
मालूम हो कि भारत-अमेरिका संबंधों में पिछले कुछ महीनों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को साल 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। उस समय ट्रंप और मोदी ने पहले चरण के बहु-क्षेत्रीय व्यापार समझौते पर 2025 के पतझड़ तक बातचीत पूरी करने का वादा किया था। जिसमें बाजार पहुंच, टैरिफ में कमी और सप्लाई चेन एकीकरण जैसे मुद्दे शामिल थे।
हालांकि, जून 2025 में भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव को "सुलझाने" का श्रेय लेने और नोबेल शांति पुरस्कार की मांग को लेकर ट्रंप के बयानों से मोदी नाराज हो गए। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध को रोका, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद ट्रंप ने अप्रैल 2025 में भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाया, जो अगस्त तक 50% तक बढ़ गया। इसका कारण भारत का रूस से तेल खरीदना था, जिसे ट्रंप ने 'युद्ध को फंड करने' का आरोप लगाया। ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने तो इसे 'मोदी का युद्ध' तक कह दिया।
SCO में की चीनी और रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात
सितंबर की शुरुआत में तनाव और बढ़ा जब मोदी ने शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में चीन के तियानजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा 'लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हवाले कर दिया।' उन्होंने व्यापार को 'एकतरफा आपदा' बताया। लेकिन 5 सितंबर को ट्रंप ने टोन बदला और कहा 'मैं मोदी के साथ हमेशा दोस्त रहूंगा। वह एक महान प्रधानमंत्री हैं।' तो वहीं, मोदी ने भी इसका जवाब देते हुए कहा 'ट्रंप के भावनाओं की गहराई से सराहना करता हूं और पूरी तरह से उनका समर्थन करता हूं। भारत-अमेरिका के बीच व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी बहुत सकारात्मक है।'
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