नेपाल में Gen-Z की आवाज बनी ताकत, सुशीला कार्की संभालेगी अंतरिम सरकार की कमान, सेना की मदद से देश का पुनर्जन्म

Gen Z Power Nepal: नेपाल में हाल के दिनों में जन-जेनरेशन (Gen-Z) के नेतृत्व में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने देश की राजनीतिक दिशा को नया मोड़ दिया है। इन प्रदर्शनों के चलते पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे दे दिया। जिसके बाद जी युवा संगठन ने अहम बैठक के बाद एक बड़ा ऐलान किया है। संगठन ने अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को बेहतर उम्मीदवार करार दिया है।
कौन हैं सुशीला कार्की?
बता दें, सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। जो जन-जेनरेशन के प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए चुना। 73 वर्षीय कार्की अपनी भ्रष्टाचार विरोधी रुख और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने 2016 से 2017 तक नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और कई ऐतिहासिक फैसलों में अपनी भूमिका निभाई, जिसमें महिलाओं को अपने बच्चों को नागरिकता देने का अधिकार शामिल है।
कार्की का चयन चार घंटे की वर्चुअल एक बैठक में हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी राजनीतिक दल से जुड़ा व्यक्ति नेतृत्व चर्चा में शामिल नहीं होना चाहिए। कार्की की गैर-राजनीतिक छवि और उनकी विश्वसनीयता ने उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाया। काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह, जिन्हें भी इस पद के लिए संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था ने कार्की के समर्थन में अपनी दावेदारी वापस ले ली और संसद भंग करने की मांग की।
सेना की मदद से देश का पुनर्जन्म
नेपाल सेना ने देश में हिंसा और अराजकता को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू किया, जो 12 सितंबर की सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगा। सेना ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू की है और अंतरिम सरकार के गठन के लिए समन्वय कर रही है। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने बुधवार को जन-जेनरेशन के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की और गुरुवार को सुशीला कार्की के साथ एक और बैठक निर्धारित की गई।
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