भ्रष्टाचार पर Gen-Z का वार, अब नेता भागेंगे नहीं...सजा पाएंगे; नेपाल के युवा ने बनाया नई सरकार का रोडमैप

Gen Z Fights Corruption In Nepal: नेपाल की सड़कों पर पिछले कुछ दिनों से गूंज रही Gen-Z की आवाज अब एक पूर्ण क्रांति का रूप ले चुकी है। भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए ये आंदोलन अब सत्ता के गलियारों को हिला चुके हैं। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद युवा प्रदर्शनकारियों ने न केवल नेताओं को देश से भागने से रोकने की मांग की है, बल्कि उनकी सजा सुनिश्चित करने और एक नई अंतरिम सरकार गठित करने का स्पष्ट प्लान भी पेश कर दिया है।
Gen-Z का प्लान
दरअसल, नेपाल में शुरु हुआ Gen-Z आंदोलन ने पूरे देश का नक्शा बदल दिया। युवा आंदोलनकारियों ने एक मांग पत्र भी जारी किया। जिसमें उन्होंने देशव्यापी प्रदर्शन का मकसद बताया गया है। बता दें, आंदोलन में कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है, लेकिन युवा समूहों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे डिस्कॉर्ड सर्वर पर पोल के जरिए संगठित होकर प्लान बनाया। 10सितंबर को सेना के साथ बातचीत के बाद, Gen-Z प्रतिनिधियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नामित किया। 11सितंबर को जारी एक बयान में जेन-जेड ने 'संयुक्त सिविल-मिलिट्री क्राइसिस मैनेजमेंट काउंसिल' का ढांचा पेश किया
1. राष्ट्रपति के नेतृत्व में अंतरिम सरकार: सुशीला कार्की कार्यकारी अध्यक्ष, न्यायमूर्ति आनंद मोहन भट्टाराई सह-चेयर।
2. सेना की भूमिका सीमित: केवल सुरक्षा, स्थिरता और निष्पक्ष निगरानी तक। कोई नीति-निर्माण में हस्तक्षेप नहीं।
3. समय सीमा: 6-12महीनों में लोकतांत्रिक चुनाव। लंबे समय तक शासन नहीं।
4. गैर-वार्तालापीय शर्तें:भ्रष्टाचार, हिंसा और सत्ता के दुरुपयोग के जिम्मेदारों पर मुकदमा।
नरसंहार के आरोपी की गिरफ्तारी...
युवा आंदोलनकारियों ने अपने मांग पत्र में लिखा कि दो महीने में नया संविधान (हिंदू राष्ट्र घोषित), सीधे चुने गए कार्यकारी, प्रधानमंत्री के लिए दो कार्यकाल की सीमा, प्रांतों को समाप्त करना, और नरसंहार के आरोपी पूर्व नेताओं की गिरफ्तारी। वहीं, काठमांडू के मेयर बलेन्द्र शाह ने भी कार्की के नाम का समर्थन किया। युवा नेता अनिल बनिया ने कहा 'यह आंदोलन अनिश्चित काल तक चलेगा जब तक मांगें पूरी न हों।' इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह 'हिंदू राष्ट्र' की मांग राजशाही समर्थकों से प्रभावित हो सकती है, लेकिन Gen-Z ने स्पष्ट किया कि वे गणतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं।
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