.फिटनेस और ब्यूटी अब बजट-फ्रेंडली, GST कटौती से सस्ती हुईं वेलनेस और पर्सनल केयर सर्विसेज; मिलेगा बड़ा फायदा

GST On Wellness Personal Care Services: भारत सरकार ने हाल ही में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में व्यापक सुधारों की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को और किफायती बनाना है। इन सुधारों के तहत, फिटनेस और ब्यूटी सर्विसेज जैसे सैलून, जिम, योग केंद्र, हेल्थ क्लब और बार्बर सेवाओं पर GST दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह नई दर 22 सितंबर 2025 से लागू होगी। इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि यह वेलनेस और पर्सनल केयर को आम लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
GST में कटौती से क्या बदला?
बता दें, 56वीं GST काउंसिल की बैठक 03 और 04 सितंबर को नई दिल्ली में हुई, जिसमें कई जरूरी फैसले लिए गए। इस बैठक में केंद्र और राज्यों ने मिलकर ब्यूटी और फिजिकल वेल-बीइंग सेवाओं पर GST को 18% से घटाकर 5% करने का फैसला किया। हालांकि, इस नई दर के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का झंझट नहीं है। इसलिए इसका पूरा फायदा सीधे आम आदमी को मिलेगा।
इसके अलावा रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले कई पर्सनल केयर उत्पादों जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, शेविंग क्रीम और आफ्टरशेव लोशन पर भी GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह कटौती मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों के मासिक खर्च को कम करने में मदद करेगी।
उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा फायदा?
इस टैक्स कटौती का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब हेयरकट, फेशियल, मसाज, जिम मेंबरशिप, योगा क्लासेस और अन्य फिटनेस सेवाएं पहले की तुलना में सस्ती होंगी। उदाहरण के लिए, यदि एक जिम की मासिक मेंबरशिप फीस 10,000 रुपये है, तो पहले इस पर 1,800 रुपये GST लगता था। अब, 5% की नई दर के साथ, यह GST केवल 500 रुपये होगा, जिससे उपभोक्ताओं को 1,300 रुपये की बचत होगी। इसी तरह, सैलून में 1,000 रुपये की हेयरकट सेवा पर अब केवल 50 रुपये GST लगेगा, जो पहले 180 रुपये था।
सरकार का उद्देश्य
मालूम हो कि 15 अगस्त, 2025 को अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में पीएम मोदी ने कहा था कि 2050 तक 44 करोड़ भारतीय मोटापे से प्रभावित हो सकते हैं। इस संकट से निपटने के लिए सरकार ने न केवल फिटनेस सेवाओं पर टैक्स कम किया है, बल्कि बाइक जैसे स्वास्थ्य से जुड़े उत्पादों पर भी GST को 5% तक ला दिया है। इसका उद्देश्य टैक्स संरचना को सरल बनाना और इसे आम लोगों के लिए अधिक अनुकूल बनाना है। वित्त मंत्रालय ने इसे 'नागरिक-केंद्रित' सुधार बताते हुए कहा कि यह निम्न और मध्यम वर्ग के मासिक खर्च को कम करने में मदद करेगा।
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