रांची का बम गुरु...जिसने ISIS के लिए बनाए केमिकल IED, दिल्ली स्पेशल सेल की गिरफ्त में 5 आतंकी

ISIS Chemical IED: 11सितंबर 2025को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, झारखंड एटीएस और रांची पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया। उन सभी का ताल्लुक ISIS के एक आतंकी मॉड्यूल से बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, इस मॉड्यूल का मकसद देश में बड़े पैमाने पर आतंकी हमले को अंजाम देना था। वहीं, गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में से एक अशर दानिश, को इस मॉड्यूल का अहम सदस्य माना जा रहा है। जबकि अन्य चार संदिग्धों में दो दिल्ली से, एक झारखंड से, एक मध्य प्रदेश से और एक हैदराबाद से पकड़े गए हैं। इस ऑपरेशन में मुंबई, दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और हैदराबाद में छापेमारी की गई।
कैसे हुआ आतंकी साजिश का खुलासा?
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि यह एक पैन-इंडिया टेरर मॉड्यूल था, जिसके तार पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से जुड़े थे। इस मॉड्यूल का उद्देश्य देश में केमिकल बमों के जरिए बड़े आतंकी हमले करना था। संदिग्धों के पास से विस्फोटक सामग्री, हथियार और आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने का सामान बरामद किया गया है। अशर दानिश, जो रांची के इस्लामनगर इलाके से गिरफ्तार किया गया, इस मॉड्यूल का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। उसके ठिकाने से केमिकल बम बनाने की सामग्री भी जब्त की गई।
इस मॉड्यूल के अन्य सदस्यों में मुंबई के रहने वाले आफताब और सुफियान शामिल हैं, जिन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। इनके ठिकानों से भी हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। पुलिस के अनुसार, यह मॉड्यूल न केवल बम बनाने में माहिर था, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था। लेकिन दिल्ली पुलिस, झारखंड एटीएस और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने इस योजना को समय रहते नाकाम कर दिया। छापेमारी के दौरान कई संवेदनशील दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी बरामद किए गए।
खुद को बताया ‘CEO’
पुलिस के अनुसार, इस मॉड्यूल को पाकिस्तान से संचालित हैंडलर्स द्वारा निर्देश दिए जा रहे थे। संदिग्धों ने ISIS की विचारधारा से प्रेरित होकर आतंकी गतिविधियों की योजना बनाई थी। यह मॉड्यूल न केवल भारत में हमले की साजिश रच रहा था, बल्कि इसके तार विदेशी आतंकी संगठनों से भी जुड़े हुए थे। जांच में यह भी पता चला कि संदिग्धों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए विस्फोटकों और बम बनाने की तकनीकों का अध्ययन किया था। इसके अलावा इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड सुरक्षा एजेंसियों से बचाने के लिए खुद को ‘CEO’ बताता था।
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