जान जाए...लेकिन जॉब की गुलामी सहनी पड़ेगी, EMI और लोन के जाल में फंसती जा रही मिडिल क्लास फैमली

Middle Class Struggle: आज के दौर में भारत का मिडिल क्लास वर्ग, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, अब कर्जों और EMI के जाल में फंसता नजर आ रहा है। पहले यही जाल सपनों को साकार करने का माध्यम लगता था, लेकिन अब तनाव, कर्ज के बोझ और नौकरी की मजबूरी का कारण बन गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने एक शख्स ने इस दर्द को बयां किया है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे भारत का युवा वर्ग अपने सपनों को पूरा करने के लिए EMI के ऐसे जाल में फंस जाते हैं, जिससे बाहर निकल पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। क्योंकि वीडियो में एक शख्स कहता है 'चाहे ऑफिस में जान चली जाए, लेकिन जॉब नहीं छोड़ेंगे।'
दरअसल, यह सिर्फ एक व्यक्तिगत शिकायत नहीं, बल्कि लाखों मिडिल क्लास परिवारों का दर्द है। बढ़ती महंगाई, ठहराव वाली सैलरी और AI-आधारित ऑटोमेशन के खतरे के बीच, मिडिल क्लास का संघर्ष और गहरा हो गया है।
वीडियो में बयां किया अपना दर्द
बता दें, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वाडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक शख्स कहता है 'दिल्ली-एनसीआर या बेंगलुरु में ऊंची इमारतें देखकर लगता है जिंदगी शानदार है, लेकिन हकीकत EMI के जाल की है। चाहे ऑफिस में जान चली जाए, जॉब नहीं छोड़ेंगे।' दरअसल, वो शख्स अपनी सोसाइटी के स्विमिंग पूल के पास खड़ा है, उसके पीछे बड़ी-बड़ी इमारतें दिखाई दे रही हैं। जिस पर वो कहता है कि मैं बस कभी-कभी इस पूल को देखने आ जाता हूं, लेकिन मेरे पास स्विम करने के लिए एक मिनट का भी समय नहीं है।
वीडियो में शख्स बताता है कि इस सोसाइटी में ही नहीं, कई सोसाइटीज में आपको ऐसे लोग मिलेंगे जो EMI चुका रहे हैं। सोसाइटी की पार्किंग में खड़ी चमचमाती गाड़ियां भी ज़्यादातर लोन पर ही ली गई हैं। लेकिन इतनी बड़ी सोसाइटी में रहना का क्या फायदा?
जॉब लॉस का मतलब EMI डिफॉल्ट
शख्स आगे कहता है कि छोटी-से-बड़ी चीजों के लिए लोग आज EMI पर सामान ले रहे हैं। लोन चुका रहे है। इन सब का सोर्स है हमारी जॉब से मिल रही सैलेरी। लेकिन आज के AI जनरेशन में हम लोगों की नौकरी खतरे में पड़ती जा रही है। फिर भी, हमें नौकरी करनी है। लेकिन यह मजबूरी क्यों? क्योंकि जॉब लॉस का मतलब EMI डिफॉल्ट, परिवार का भरण-पोषण रुकना और मानसिक तनाव।
लेकिन मानसिक तनाव से सिर्फ वहीं लोग आजाद है, जिनके ऊपर आर्थिक बोझ नहीं है। वही लोग असल में अपनी जिंदगी जी रहे है। बड़ी-बड़ी सोसाइटी में मौजूद जिम और पूल जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे है। लेकिन मिडिल क्लास की जिंदगी सिर्फ लोन और EMI चुकाने में गुजर जाएगी।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular


Leave a Reply