Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण की रात बरते कुछ जरूरी सावधानियां, जानें सूतक समय, नियम और प्रभाव

Chandra Grahan 2025: 07 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन शुभ-मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत सहित कई देशों में दिखाई देगा। ऐसे में इसका प्रभाव भारत पर भी होने वाला है। तो आइए इसके सूतक काल, समय, प्रभाव और इससे जुड़े धार्मिक उपायों के बारे में विस्तार से जानते है।
चंद्र ग्रहण 2025 की तारीख
बता दें, 2025 का यह चंद्र ग्रहण 07 सितंबर रविवार को रात 9:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर को रात 1:26 बजे समाप्त होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसे 'ब्लड मून' के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण शुरू: 7 सितंबर 2025, रात 9:58 बजे
ग्रहण का चरम: 7 सितंबर 2025, रात 11:42 बजे
ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर 2025, रात 1:26 बजे
कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?
यह चंद्र ग्रहण भारत के सभी हिस्सों में दिखाई देगा। इसके अलावा यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा।
सूतक काल का समय
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण से पहले शुरू होने वाला सूतक काल एक अशुभ समय माना जाता है। यह काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले प्रारंभ होता है। 07 सितंबर को चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण की समाप्ति, यानी 8 सितंबर को रात 1:26 बजे तक रहेगा।
सूतक काल के नियम
1. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और पूजा-अर्चना, हवन या अन्य धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते।
2. सूतक काल और ग्रहण के दौरान खाना पकाना, खाना खाना या पानी पीना वर्जित माना जाता है।
3. गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सलाह दी जाती है कि वे चाकू, कैंची जैसे नुकीले उपकरणों का उपयोग न करें।
4. इस समय यात्रा शुरू करना या कोई नया कार्य शुरू करना अशुभ माना जाता है।
5. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
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