Covid-19 का महिलाओं पर गहरा असर, नसों को किया बूढ़ा, दिल की बीमारी का बढ़ा जोखिम

Covid-19: आपको याद है ना कोविड-19का वो दौर, जब इस महामारी की वजह से लाखों-करोंड़ों लोगों ने अपना जान गवाई थी। कोविड-19महामारी ने न केवल तात्कालिक स्वास्थ्य संकट पैदा किया, बल्कि इसके दीर्घकालिक प्रभाव भी अब सामने आ रहे हैं। हाल के एक अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि कोविड-19खासकर महिलाओं में, रक्त वाहिकाओं को लगभग पांच साल तक बूढ़ा कर सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। जानकारी के अनुसार, यह प्रभाव उन महिलाओं में अधिक देखा गया है, जो 'लॉन्ग कोविड' के लक्षणों से जूझ रही हैं।
कोविड-19का रक्त वाहिकाओं पर प्रभाव
बता दें, 'यूरोपियन हार्ट जर्नल' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19वायरस रक्त वाहिकाओं की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे उनकी लचीलापन और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। यह प्रभाव विशेष रूप से महिलाओं में अधिक देखा गया है। अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19से संक्रमित होने वाली महिलाओं की रक्त वाहिकाओं में 'पल्स वेव वेलोसिटी' (नाड़ी तरंग वेग) में वृद्धि होती है, जो रक्त वाहिकाओं के सख्त होने का संकेत है। यह सख्ती सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन कोविड-19इस प्रक्रिया को तेज कर देता है, जिससे रक्त वाहिकाएं समय से पहले 'बूढ़ी' हो जाती हैं।
दूसरी तरफ, फ्रांस की यूनिवर्सिटी पेरिस सिटी की शोधकर्ता रोज़ा मारिया ब्रूनो के अनुसार, कोविड-19वायरस शरीर में मौजूद 'एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2' (ACE2) रिसेप्टर्स पर कार्य करता है, जो रक्त वाहिकाओं की परत पर पाए जाते हैं। इस प्रक्रिया से रक्त वाहिकाओं की आंतरिक परत (एंडोथेलियम) को नुकसान पहुंचता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। यह नुकसान विशेष रूप से उन महिलाओं में गंभीर होता है, जो लॉन्ग कोविड के लक्षणों जैसे थकान, सांस लेने में तकलीफ, और मस्तिष्कीय धुंधलापन (ब्रेन फॉग) का अनुभव करती हैं।
महिलाओं को क्यों है सबसे ज्यादा खतरा?
इस अध्ययन में यह बात सामने आई कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में रक्त वाहिकाओं पर कोविड-19 का प्रभाव अधिक गंभीर होता है। इसके पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। जैसे महिलाओं में हार्मोनल अंतर। दरअसल, महिलाओं में एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन रक्त वाहिकाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोविड-19 के कारण होने वाली सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
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