Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा पर लगी रोक, अचानक इस वजह से लिया गया फैसला; जानें कब से होगी शुरू

Kedarnath Yatra On Hold: हिन्दुओं की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा में से एक केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। फिलहाल जो यात्री केदरनाथ के लिए जा रहे थे उन्हें सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया गया है। बता दें कि रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में आज मौसम गड़बड़ रह सकता है। इसको लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। जिसे देखते हुए केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी में जलस्तर बढ़ गया है। हालांकि, नदी अभी भी खतरे के निशाना से पार नहीं किया है।
बारिश की वजह से यात्री परेशान
दरअसल उत्तराखंड में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। इसकी वजह से भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। पिछले दिनों सोनप्रयाग में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ था, जिसमें केदारनाथ से लौट रहे 40से अधिक श्रद्धालु फंस गए थे। हालांकि, बाद में सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र के पास फंसे 40श्रद्धालुओं को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश से कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी ठप हो गई है। कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रही है। आपको बता दें कि बीते दिनों बरकोट के पास बादल भी फटा था।
चार जिलों की हालत खराब
आपको बता दें कि उत्तराखंड के चार जिलों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। विभाग ने 7और 8जुलाई को उत्तराखंड के टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में भूस्खलन की संभावना जताई है। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
केदारनाथ यात्रा क्यों महत्वपूर्ण
केदारनाथ यात्रा हिन्दू धर्म की एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित केदारनाथ मंदिर तक की जाती है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चार धाम यात्रा ( यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ ) का हिस्सा है। आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर हिमालय की गोद में 3,583 मीटर की ऊचाई पर स्थित है। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
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