मोदी सरकार ने UPI ट्रांजैक्शन को लेकर लिया बड़ा फैसला, जानें कैसे मिलेगा फायदा?

UPI Transactions: केंद्र सरकार ने यूपीआई पेमेंट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने यूपीआई पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव (प्रोत्साहन) योजना शुरू की है। इस योजना से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ कम मूल्य वाले यूपीआई लेनदेन को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बता दें, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25के लिए 2,000रुपये से कम वैल्यू के UPI लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को बुधवार को मंजूरी दी। यह योजना 1अप्रैल, 2024से 31मार्च, 2025तक चलेगी।
कैसे मिलेगा फायदा?
केंद्र सरकार ने यूपीआई पेमेंट को लेकर कहा कि योजना के तहत, 2,000रुपए तक के यूपीआई लेनदेन के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ को कम करते हुए डिजिटल भुगतान की पहुंच बढ़ाना है। कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने की योजना को 1,500करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लागू किया जाएगा।
सभी श्रेणियों में लेनदेन के लिए शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर), लागत-मुक्त डिजिटल लेनदेन सुनिश्चित करने, एडमिटेड क्लेम अमाउंट का 80प्रतिशत अधिग्रहण बैंकों द्वारा हर तिमाही में बिना किसी शर्त के वितरित किया जाएगा।
क्या है मर्चेंट डिस्काउंट रेट?
बता दें, कोरोना से पहले 2 हजार रुपये से कम के UPI ट्रांजैक्शन पर MDR लगता था। लेकिन इसे साल 2020 में माफ कर दिया गया था। इसका मकसद यूपीआई ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना था। बता दें, मर्चेंट डिस्काउंट रेट को MDR कहा जाता है। यह चार्ज आमतौर पर दुकानदार, बैंक को ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेस करने के लिए देते हैं।
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