इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या पर...श्राद्ध होगा या नहीं? जानिए पूरी जानकारी

Sarva Pitru Amavasya: इस वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21सितंबर 2025, रविवार की रात को लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार रात 11:00 बजे शुरू होकर 22 सितंबर की भोर 3:23बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण का चरम काल रात 1:11बजे होगा। खास बात यह है कि यह सूर्य ग्रहण हिंदू पंचांग की अमावस्या तिथि, यानी सर्वपितृ अमावस्या पर पड़ रहा है, जो इसे धार्मिक दृष्टि से और भी विशेष बना देता है। इस दिन शारदीय नवरात्रि की भी शुरुआत हो रही है।
श्राद्ध और तर्पण का मुहूर्त, ग्रहण से नहीं होगा प्रभावित
सर्वपितृ अमावस्या उन पूर्वजों के लिए श्राद्ध का दिन होता है जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती। इस बार अमावस्या तिथि 21सितंबर की रात 12:16बजे शुरू होकर 22सितंबर की रात 1:23बजे तक रहेगी। ऐसे में श्राद्ध और तर्पण 21सितंबर को दिन में किया जाएगा।
द्रिक पंचांग के अनुसार, तर्पण के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- कुतुप मुहूर्त: 11:50 AM – 12:38 PM
- रौहिण मुहूर्त: 12:38 PM – 1:27 PM
- अपराह्न बेला: 1:27 PM – 3:53 PM
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा और श्राद्ध कर्म बिना किसी बाधा के सम्पन्न किए जा सकते हैं।
भारत में नहीं दिखेगा ग्रहण, सूतक काल भी नहीं मान्य
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसे अशुभ माना जाता है। लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए सूतक काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसका अर्थ है कि श्राद्ध, तर्पण और अन्य धार्मिक कार्य पूर्व निर्धारित समय पर किए जा सकते हैं। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की शंका या भ्रम में पड़ने की आवश्यकता नहीं है।
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