ट्रंप के ऐलान से हिला बाजार, भारतीय फार्मा सेक्टर के शेयरों पर मंदी का साया; क्या होगा रिकवरी

Pharma Sector Stocks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक ताजा ऐलान ने फार्मा कंपनियों में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने गुरुवार देर रात ऐलान किया है कि 01 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। ट्रंप ने यह फैसला अमेरिका में दवा उत्पादन को बढ़ावा देने और सप्लाई चेन को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया है।
लेकिन इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स 412.67 अंक गिरकर 80,747.01 पर है और निफ्टी 115 अंक गिरकर 24,776 पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार में फार्मा सेक्टर के स्टॉक्स में भारी गिरावट भी दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई।
फार्मा कंपनियों पर 100% टैरिफ
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर फार्मा इंडेक्स शुक्रवार को 2.6 प्रतिशत लुढ़क गया, जबकि निफ्टी फार्मा में भी समान गिरावट देखी गई। एशियाई बाजारों में भी इसी तरह की प्रतिक्रिया हुई, जहां फार्मा स्टॉक्स ने लाल झंडा लहरा दिया। निवेशक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ट्रंप प्रशासन की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति अब दवा क्षेत्र को भी अपनी चपेट में ले रही है।
ट्रंप ने अपने ऐलान में स्पष्ट कहा कि यदि कोई कंपनी अमेरिका में अपना प्लांट स्थापित कर रही है, तो उसे इस टैरिफ से छूट मिल सकती है। लेकिन भारत की ज्यादातर फार्मा कंपनियां, जो अमेरिका को जेनेरिक दवाओं का बड़ा निर्यातक हैं, इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। बता दें, भारत का अमेरिकी दवा निर्यात बाजार करीब 8.7 अरब डॉलर का है, जिसमें ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं की हिस्सेदारी भी अहम है।
फार्मा कंपनियों के शेयरों में गिरावट
ट्रंप के ऐलान के बाद कई प्रमुख भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में जोरदार बिकवाली हुई।
सन फार्मा के स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिकी बाजार पर भारी निर्भरता के कारण इसके शेयर 4.2 प्रतिशत गिरे। कंपनी के वैश्विक राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। दूसरी कंपनी सिप्ला, जेनेरिक दवाओं की प्रमुख निर्यातक सिप्ला के शेयर 3.8 प्रतिशत नीचे बंद हुए। कंपनी को अब अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने की मजबूरी पड़ सकती है, जो उसके मार्जिन को दबाएगी।
तीसरी कंपनी बायोकॉन बायोसिमिलर्स में विशेषज्ञता रखने वाली इस कंपनी के स्टॉक्स में 5.1 प्रतिशत की तेज गिरावट आई। ब्रांडेड दवाओं पर फोकस रखने वाली बायोकॉन को इस नीति से सीधा नुकसान हो सकता है। चौथी कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीजस अमेरिकी एफडीए अप्रूवल्स पर निर्भर इस कंपनी के शेयर 3.5 प्रतिशत लुढ़के। विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ से कंपनी को वैकल्पिक बाजारों की तलाश करनी पड़ेगी। पांचवी कंपनी लुपिन, ब्रांडेड जेनेरिक्स में मजबूत पकड़ रखने वाली लुपिन के शेयर 4.7 प्रतिशत गिरे। कंपनी के अमेरिकी निर्यात पर इस फैसले का लंबा असर पड़ सकता है, खासकर पेटेंटेड प्रोडक्ट्स पर।
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