'पेट्रोल लॉबी की साजिश!...'E20 फ्यूल पर गडकरी का धमाका, सोशल मीडिया कैंपेन को बताया पेड प्रोपगैंडा

Gadkari On E20 Controversy: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एथेनॉल ब्लेंड E20पेट्रोल को लेकर उठ रहे विवादों पर खुलकर अपनी बात रखी। 11सितंबर को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 65वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने दावा किया कि E20पेट्रोल के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा अभियान उनके खिलाफ एक सुनियोजित और पेड पॉलिटिकल कैंपेन है। उन्होंने इसे पेट्रोलियम लॉबी द्वारा प्रायोजित बताते हुए कहा कि यह अभियान तकनीकी तथ्यों पर आधारित नहीं, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है।
क्या है E20पेट्रोल पर विवाद?
बता दें, E20पेट्रोल, जिसमें 20%एथेनॉल और 80%पेट्रोल मिला होता है। जो भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी नीति का हिस्सा है। इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना, प्रदूषण में कमी लाना और किसानों की आय बढ़ाना है। हालांकि, हाल के महीनों में इस नीति को लेकर सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर तीखी आलोचना देखने को मिली है। कई वाहन मालिकों ने शिकायत की है कि E20पेट्रोल के उपयोग से उनके वाहनों का माइलेज कम हुआ है और पुराने वाहनों, विशेष रूप से 2023से पहले निर्मित मॉडलों, के इंजन और फ्यूल सिस्टम को नुकसान पहुंचा है।
लोकल सर्किल के एक सर्वे में भी दावा किया गया कि लगभग 44%लोगों ने E20पेट्रोल का समर्थन नहीं किया। इसके जवाब में गडकरी ने कहा कि ये शिकायतें तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। उन्होंने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और अन्य संस्थानों के परीक्षणों का हवाला देते हुए कहा कि E20पेट्रोल से किसी भी वाहन को नुकसान नहीं हुआ है। गडकरी ने चुनौती दी 'अगर किसी एक भी गाड़ी को E20की वजह से नुकसान हुआ हो, तो उसका नाम बताएं।'
नितिन गडकरी ने क्या कहा?
नितिन गडकरी ने E20पेट्रोल को पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद बताया। उनके अनुसार, एथेनॉल मिश्रण से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यह आयातित जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा। गडकरी ने बताया कि भारत हर साल भारी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है, जिसका खर्च अर्थव्यवस्था पर बोझ डालता है। E20नीति के तहत मक्का, गन्ना और अन्य फसलों से एथेनॉल उत्पादन ने किसानों की आय में इजाफा किया है।
नितिन गडकरी ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पिछले चार सालों में बिहार और उत्तर प्रदेश में मक्के का उत्पादन तीन गुना बढ़ा है, और इसकी कीमत 1,200रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,800रुपये तक पहुंच गई है। गडकरी ने दावा किया कि एथेनॉल नीति से किसानों को अब तक 1.14लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है, जबकि सरकार ने आयात बिल में लगभग 1लाख करोड़ रुपये की बचत की है।
पेट्रोलियम लॉबी पर निशाना
नितिन गडकरी ने E20 पेट्रोल के खिलाफ भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप पेट्रोलियम लॉबी पर लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतवर समूह स्वच्छ ईंधन की अवधारणा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। गडकरी ने ब्राजील का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 27% एथेनॉल मिश्रण का उपयोग होता है, और वहां ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने जुलाई 2025 में ही 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया, जो 2028-29 तक निर्धारित था।
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