बाढ़ से बेहाल पंजाब को CM मान का सहारा, पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा, लागू होगी नई रेत नीति

CM Bhagwant Mann On Punjab Flood: पंजाब में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। लगभग 1,300से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं और करीब 3लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्य रूप से धान की फसल, जलमग्न होकर बर्बाद हो चुकी है। इस संकट की घड़ी में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ पीड़ितों के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं, जिनमें मुआवजा, नई रेत नीति, और किसानों के लिए ऋण राहत शामिल हैं।
किसानों और प्रभावित परिवारों को मिलेगा मुआवजा
बता दें, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए प्रति एकड़ 20,000रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। यह फैसला 08सितंबर को हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस मुआवजे का उद्देश्य उन किसानों की मदद करना है, जिनकी फसलें बाढ़ के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ से लगभग 1.76लाख हेक्टेयर में फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं, जिन परिवारों ने बाढ़ में अपने परिजनों को खोया है, उनके लिए 4लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है।
इसके अलावा पशुधन के नुकसान को देखते हुए सरकार ने मवेशियों, बकरियों और मुर्गी पालन से जुड़े नुकसान के लिए भी वित्तीय सहायता देने का वादा किया है। क्षतिग्रस्त सरकारी संपत्तियों, जैसे स्कूलों, कॉलेजों, बिजली के खंभों और ग्रिडों का सर्वेक्षण भी किया जाएगा, ताकि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा मिल सके। साथ ही, सीएम ने केंद्र सरकार से भी मांग की है कि वह स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) के तहत मुआवजा नियमों में संशोधन करे और किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 50,000रुपये का मुआवजा प्रदान करे।
'जिसदा खेत, उसदी रेत' योजना को मंजूरी
दरअसल, बाढ़ के बाद खेतों में जमा हुई रेत किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। इसे ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने 'जिसदा खेत, उसदी रेत' योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में जमा रेत को निकालने और बेचने की अनुमति दी गई है। यह कदम न केवल खेतों को फिर से कृषि के लिए उपयुक्त बनाने में मदद करेगा, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करेगा। यह नीति उन किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी, जिनके खेत बाढ़ के बाद रेत के ढेर से भर गए हैं।
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