भारत और मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर, कहा- मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं बल्कि एक परिवार है

PM Modi in Varanasi: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के पीएम डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। साथ ही भारत और मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि "यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में आपका स्वागत करने का अवसर मिल रहा है। चीन काल से काशी भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक रही है। हमारी संस्कृति और संस्कार सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचे और वहां की जीवन-पद्धति में रच-बस गए।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी में मां गंगा की अविरल धारा की तरह, भारतीय संस्कृति का अविरल प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है और आज, जब हम मॉरीशस के साथियों का काशी में स्वागत कर रहे हैं, तो यह सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक मिलन है इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं बल्कि एक परिवार है। उन्होंने कहा कि, "आज हमने द्विपक्षीय सहयोग की सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए। मैं मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम को चागोस समझौता संपन्न होने पर बधाई देता हूं।
ये मॉरीशस की संप्रभुता की एक ऐतिहासिक जीत है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ये मॉरीशस की संप्रभुता की एक ऐतिहासिक जीत है। भारत ने हमेशा उपनिवेशवाद और मॉरीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है और इसमें भारत, मॉरीशस के साथ दृढ़ता से साथ खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि, भारत और मॉरीशस दो राष्ट्र हैं, लेकिन हमारे सपने और नियति एक हैं। इस वर्ष हम सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वह न केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता थे, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे। उनकी जयंती हमें अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
किसी भी अन्य प्रधानमंत्री को ऐसा स्वागत कभी नहीं मिला होगा- मॉरीशस पीएम
मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा, "मैं आपको, प्रधानमंत्री और आपकी सरकार को हमारे आगमन के बाद से हमारे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के प्रति दिखाए गए उदार शिष्टाचार के लिए भी धन्यवाद देना चाहता हूं। वाराणसी पहुँचते ही, मुझे और मेरी पत्नी को जो स्वागत मिला, उससे हम दोनों ही आश्चर्यचकित रह गए। मेरा मानना है कि किसी भी अन्य प्रधानमंत्री को ऐसा स्वागत कभी नहीं मिला होगा। मुझे खुशी है कि यह आपके निर्वाचन क्षेत्र में है। मैं समझ सकता हूं कि आप इतनी बड़ी संख्या में क्यों चुने जाते हैं। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है।
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