शव कर रहें मुक्ति का इंतजार...निगमबोध घाट पर रुके अंतिम संस्कार,बाढ़ ने बढ़ाई दिल्ली वालों की मुश्किलें

Nigambodh Ghat Flood: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसने राजधानी को बाढ़ की चपेट में ला दिया है। सबसे ज्यादा असर निगमबोध घाट पर देखने को मिला, जो दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान स्थल है। बुधवार को घाट पानी में डूब गया, जिसके चलते रोजाना होने वाले 55-60 अंतिम संस्कार ठप हो गए। सुबह तक स्थिति सामान्य थी, लेकिन दोपहर होते ही यमुना का तेज बहाव घाट की दीवार तोड़कर अंदर घुस गया। बारिश का पानी समझा गया यह जलप्रलय यमुना का गंदा पानी निकला, जिसने चिताओं को जलने से रोक दिया।
शवों को लौटाने की मजबूरी
स्थिति बिगड़ने पर प्रशासन ने निगमबोध घाट पर नए शव स्वीकार करने से मना कर दिया। सुबह आए शवों को सुरक्षित रखकर किसी तरह उनका संस्कार करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन नए शवों को अन्य घाटों पर भेजा जा रहा है। घाट के इंचार्ज के मुताबिक, पानी का बहाव इतना तेज है कि चिताओं के पास खड़ा होना भी मुश्किल है। परिवारों को वैकल्पिक घाटों पर जाने को कहा जा रहा है, लेकिन बाढ़ के कारण दिल्ली में यातायात और व्यवस्था पहले ही चरमरा चुकी है। ऐसे में शवों को अन्य स्थानों तक ले जाना बड़ी चुनौती बन गया है।
परिजनों का दर्द, अधूरी विदाई
निगमबोध घाट पर सन्नाटा पसरा है, जहां हर दिन चिताओं की अग्नि जलती थी, वहां आज शव मुक्ति की प्रतीक्षा में हैं। एक परिजन ने बताया, “हम अपने पिता को अंतिम विदाई देने आए थे, लेकिन अब हमें दूसरी जगह जाना पड़ेगा। यह दुख को और गहरा रहा है।” बाढ़ ने न केवल निचले इलाकों को डुबोया, बल्कि भावनात्मक विदाई को भी अधूरा छोड़ दिया। प्रशासन के सामने अब दीवार की मरम्मत और वैकल्पिक व्यवस्थाओं का दबाव है, जबकि बढ़ता जलस्तर और बारिश स्थिति को और जटिल बना रही है।
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