हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जरांगे किया आंदोलन खत्म करने का ऐलान, सरकार के सामने रखी ये शर्तें

Maratha Reservation Movement: मुंबई में लगातार 5 दिनों से मराठा समाज के आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। इस वजह से लोगों सड़कों जाम का सामना करना पड़ रहा है। हालात को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि आजाद मैदान को बुधवार, 3 सितंबर सुबह तक खाली करना होगा।
मुंबई में लगातार 5 दिनों से मराठा समाज के आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। इस वजह से लोगों सड़कों जाम का सामना करना पड़ रहा है। हालात को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि आजाद मैदान को बुधवार, 3 सितंबर सुबह तक खाली करना होगा। हाईकोर्ट के सख्ती के बाद मनोज जरांगे ने कहा कि वह अपना आमरण अनशन को खत्म करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले सरकार को उनकी शर्तों को मानना होगा।
सरकार ने मंजूर की ये शर्ते
वहीं राज्य सरकार ने उनके कुछ शर्तों पर सहमति जताई है। सरकार ने ऐलान किया कि हैदराबाद गजेटियर को लागू किया जाएगा। यानी कि मराठाओं को कुनबी के रूप में पहचान दी जाएगी। बता दें कि महाराष्ट्र में कुनबी पहले से ही ओबीसी वर्ग में शामिल हैं, ऐसे में उन्हें आरक्षण का फायदा मिलेगा। सरकार ने सतारा गजट पर समय मांगा है। इस काम की जिम्मेदारी मंत्री शिवेंद्र राजे भोसले ने उठाई है।
जरांगे ने मांगा जीआर
अंतरवली सराटी में आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए केस को सरकार ने वापस लेने पर सहमति जताई है। यह वही जगह है जहां आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। मनोज जरांगे ने ऐलान किया है कि उनकी शर्तों को लेकर जब तक उन्हें गवर्नमेंट रेजोल्यूशन (GR) नहीं मिलता है तब तक वह मुंबई खाली नहीं करेंगे। उन्होंने कहा की अगर सरकार जीआर जारी कर देती है तो वह रात 9 बजे मुंबई छोड़ देंगे।
हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
इस मामले को लेकर मंगलवार, 2 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जरांगे के आंदोलन पर सख्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि आंदोलनकारी आजाद मैदान की तय सीमा से बाहर निकलकर सीएसएमटी, चर्चगेट और मरीन ड्राइव जैसे अहम इलाकों को जाम कर रहे हैं। इससे पूरी शहर की व्यवस्था बिगड़ गई। हाईकोर्ट के सख्ती के बाद जरांगे ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
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