20 की मौत, गृहमंत्री का इस्तीफा…असर लाई Gen Z की एकता, नेपाल में हटा सोशल मीडिया बैन

Nepal GenZ Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सोमवार को सोशल मीडिया साइट्स पर सरकारी बैन के खिलाफ युवाओं के उग्र प्रदर्शन ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया। 'Gen Z' बैनर तले हजारों युवा, जिनमें स्कूली छात्र भी शामिल थे, संसद भवन के पास सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन, आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया।
काठमांडू में 17 और सुनसरी में 2 लोगों की पुलिस कार्रवाई में मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। हिंसा पोखरा, बुटवल, इटहरी और दमक तक फैली, जिसके चलते कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया। गृहमंत्री रमेश लेखक ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया।
सरकार ने लिया यू-टर्न, बैन हटाया
हिंसा और विरोध के दबाव में सरकार ने सोशल मीडिया बैन वापस ले लिया। सूचना मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद घोषणा की कि सभी प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स को तुरंत बहाल करने के आदेश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हिंसा को 'अवांछित तत्वों' की साजिश करार देते हुए दावा किया कि सरकार का इरादा बैन नहीं, बल्कि रेगुलेशन था। उन्होंने 15 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए समिति गठित करने की भी बात कही। हालांकि, प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। कंप्यूटर एसोसिएशन ऑफ नेपाल ने चेतावनी दी कि बैन से शिक्षा, व्यापार और संचार पर बुरा असर पड़ेगा।
'नेपो किड' ट्रेंड वायरल
हिंसा के बाद घायलों की संख्या बढ़ने से काठमांडू के अस्पतालों में जगह की कमी हो गई है। नेशनल ट्रॉमा सेंटर, एवरेस्ट और सिविल अस्पतालों में सैकड़ों घायलों का इलाज चल रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर 'नेपो किड' ट्रेंड वायरल हो गया, जिसमें युवा नेताओं और रसूखदारों के बच्चों पर भ्रष्टाचार से कमाई गई सुविधाओं का लाभ उठाने के आरोप लग रहे हैं। पत्रकारों ने भी बैन को प्रेस की आजादी पर हमला करार देते हुए काठमांडू में धरना दिया। सरकार के रेगुलेशन के दावे को जनता सेंसरशिप की कोशिश मान रही है।
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