22 साल और 22 त्रासदियां...मौत का आकंड़ा 1500 के पार, करूर भगदड़ से खुली देश की भीड़ प्रबंधन की पोल

Karur Stampede: तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार को एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ ने पूरा देश सदमे में है। अभिनेता से राजनेता बने जोसेफ विजय (जिन्हें पॉपुलर रूप से 'थलापति विजय' कहा जाता है) की तमिलागा वेट्ट्री कझागम (TVK) पार्टी की इस रैली में उमड़ी भारी भीड़ के बीच अचानक अफरा-तफरी मच गई। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, इस भगदड़ में 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
यह हादसा न सिर्फ विजय की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर सवाल खड़े करता है, बल्कि भारत में भीड़ प्रबंधन की कमियों को फिर से उजागर करता है। यह घटना 2025 की सबसे बड़ी त्रासदियों में शुमार हो चुकी है, जहां राजनीतिक उत्साह ने मानवीय जानों का नुकसान कर दिया।
22 सालों में 22 भगदड़
मालूम हो कि भारत में धार्मिक आयोजनों, राजनीतिक रैलियों, फिल्मी इवेंट्स और खेल उत्सवों के दौरान भगदड़ें कोई नई बात नहीं हैं। पिछले 22 सालों (2003 से 2025 तक) में ऐसी कम से कम 22 बड़ी घटनाएं दर्ज की गई है, जिसमें 1500 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ये हादसे ज्यादातर अफवाहों, खराब व्यवस्था या अचानक भीड़ उमड़ने के कारण हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक जैसे CCTV, ड्रोन निगरानी और आपातकालीन निकासी योजनाओं की कमी इन दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। तो चलिए पिछले 22 साल में 22 भगदड़ हादसों के बारे में जानते हैं, जिसमें 1500 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई।
1.28 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के करूर में TVK प्रमुख विजय की रैली में मची भगदड़, जिसमें लगभग 39 लोगों को जान गवानी पड़ी।
2.03 मई 2025 को गोवा के शिरगांव गांव में श्री लैराई देवी मंदिर के वार्षिक उत्सव में भगदड़ ने दुनिया को हिला दिया। जिसमें 6 लोगों की मौत और करीब 100 लोग घायल हो गए।
3.मई 2025 को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की IPL जीत के जश्न का आयोजन किया गया था। जिसमें लगभग 11 लोगों की जान चली गई और कम से कम 50 लोग घायल हुए।
4.15 फरवरी 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में तीर्थयात्रियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई थी और 15 लोग घायल हुए।
5.29 जनवरी 2025 को उत्तप प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मची थी। जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थई, जबकि 60 लोग घायल हो गए।
6.08 जनवरी 2025 को तिरुमाला हिल्स में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टिकट लेने के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच हुई भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
7.04 दिसंबर 2024 को हैदराबाद में अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर 'पुष्पा 2' की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग घायल भी हुए थे।
8.02 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू बाबा भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित 'सत्संग' में भगदड़ से 121 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग घायल भी हुए थे।
9.31 मार्च 2023 को मध्य प्रदेश के इंदौर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित 'हवन' समारोह के दौरान कुएं के ऊपर बनी स्लैब ढह गई। जिस वजह से 36 लोगों की जान चली गई और कुछ लोग घायल भी हुए थे।
10.01 जनवरी 2022 को जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ की वजह बनी तीर्थयात्रियों की भारी भीड़। जिसमें 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई और कुछ लोग घायल भी हुए थे।
11.29 सितंबर 2017 को मुंबई के एल्फिन्स्टोन रोड स्टेशन को मध्य रेलवे के परेल स्टेशन से जोड़ने वाले पुल पर मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग घायल भी हुए थे।
12.14 जुलाई 2015 को आंध्र प्रदेश के गोदावरी नदी तट पर आयोजित पुष्करम उत्सव में मची अफरा-तफरी में 27 श्रद्धालुओं की जान चली गई और 20 लोग घायल हो गए।
13.13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया के रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ में 115 लोगों की जान चली गई और 100 ज्यादा अधिक घायल हो गए।
14.03 अक्टूबर 2014 को बिहार के पटना के गांधी मैदान में आयोजित दशहरा समारोह में भगदड़ मच गई जिसमे 32 लोगों की मौत हो गई. और कुछ लोग घायल हो गए।
15.19 नवंबर 2012 को बिहार के पटना के गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान पुल के ढहने से भगदड़ मची थीष जिसमें 20 लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा और कुछ लोग घायल भी हुए।
16.08 नवंबर 2011को हरिद्वार के गंगा घाट पर आयोजित करीबड़ाई मेले में 20 लोग मारे गए और कुछ लोग घायल भी हुए।
17.14 जनवरी 2011 को केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में जीप हादसे का शिकार हो गई थी। जिस वजह से भगदड़ मची और 104 श्रद्धालु मारे गए औऱ 40 से ज्यादा घायल हो गए।
18.04 मार्च 2010 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में मची भगदड़ में 63 लोग मारे गए और कुछ लोग घायल भी हुए।
19.30 सितंबर 2008 को राजस्थान के जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाहों के कारण भगदड़ मच गई थी। जिस वजह से 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए थे।
20.03 अगस्त 2008 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान गिरने की अफवाह ने 162 लोगों को मौत की नींद सुला दिया, जबकि कुछ लोग घायल भी हुए थे।
21.25 जनवरी 2005 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल भी हुए थे।
22.27 अगस्त 2003 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए थे और कुछ लोग घायल भी हुए थे।
क्या हैं सबक और समाधान?
ये हादसे हमें सिखाते हैं कि उत्साह के बीच सुरक्षा को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सरकारें और आयोजक बेहतर योजना बना सकते हैं, जैसे - सीमित क्षमता, वास्तविक समय की भीड़ निगरानी और त्वरित चिकित्सा सुविधाएं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी भीड़ प्रबंधन पर दिशानिर्देश जारी किए हैं, लेकिन अमल की कमी बनी हुई है।
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