शिक्षा के नाम पर काले धंधे का पर्दाफाश, यौन उत्पीड़न के आरोप में फरार स्वामी चैतन्यानंद आगरा से अरेस्ट

Swami Chaitanyananda Arrested: दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई छात्राओं के यौन शोषण के गंभीर आरोपों के तहत की गई, जो दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में स्थित एक निजी मैनेजमेंट संस्थान से जुड़ी है। आरोपी पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जो छात्राओं को अकेले में बुलाकर उनके साथ गंदी हरकतें किया करता था।
आगरा में दिल्ली पुलिस का जाल
बता दें, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पांच राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाकर आरोपी को ट्रैक किया। CCTV फुटेज, फोन डेटा और खुफिया सोर्स से पता चला कि चैतन्यानंद आगरा के एक होटल में छिपा हुआ था। जिसके बाद बीती रात करीब 3.30 बजे छापेमारी के दौरान उसे दबोचा गया। इस मामले में साउथ वेस्ट जिले के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि आरोपी के पास से एक लग्जरी वॉल्वो कार बरामद हुई, जिसकी नंबर प्लेट (39 यूएन 1) फर्जी डिप्लोमेटिक थी। जिसे जब्त कर लिया गया है।
वहीं, वसंत कुंज नॉर्थ थाने में दर्ज FIR नंबर 385/2025 में भारतीय न्याय संहिता (BSN) की धाराओं 345(3) (यौन उत्पीड़न), 318(4) (धोखाधड़ी), 336(3) (धमकी) और 340(2) (अपमानजनक व्यवहार) के तहत केस दर्ज किया गया। पाटियाला हाउस कोर्ट ने 26 सितंबर को आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद फरार होने की कोशिश नाकाम रही। अब पुलिस आरोपी को दिल्ली ला रही है, जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट (SIIM) के निदेशक पद पर तैनात थे, जहां वे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) कोर्स चला रहे थे। पुलिस जांच के अनुसार, उन्होंने EWS छात्रवृत्ति पर पढ़ने वाली कम से कम 16-17 छात्राओं का शोषण किया। पीड़िताओं ने आरोप लगाया कि आरोपी ने व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजे, जैसे 'मेरे कमरे में आ जाओ' या 'विदेश घुमाऊंगा फ्री में' और विरोध करने पर फेल करने की धमकी दी। कुछ मामलों में शारीरिक छेड़छाड़ भी हुई, जबकि अन्य में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया।
इस मामले में संस्थान की तीन महिला टीचर्स और एक अन्य व्यक्ति का भी नाम सामने आया है, जिन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एक पूर्व वायुसेना अधिकारी के ईमेल ने इस घोटाले की परतें खोलीं, जिसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने स्वत: संज्ञान लिया और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। NCW की चेयरपर्सन विजया राहतकर ने इसे महिलाओं के खिलाफ अपराध का जघन्य उदाहरण बताते हुए सख्त जांच की मांग की।
2016 की काली रात का सच
इसके अलावा साल 2016 में संस्थान में पढ़ने वाली एक 21वर्षीय छात्रा ने चैतन्यानंद पर छेड़खानी और यौन शोषण का आरोप लगाया था। FIR में दर्ज बयान के अनुसार, चैतन्यानंद उसे 'स्वीट गर्ल' और 'बेबी' कहकर बुलाते थे। वह संस्थान में केवल आठ महीने ही पढ़ीं, लेकिन इस दौरान चैतन्यानंद ने उन्हें बार-बार अकेले बुलाया और अनुचित व्यवहार किया। छात्रा ने आगे बताया कि एक रात जब वह अपने कमरे में अकेली थीं, चैतन्यानंद ने दरवाजा खटखटाया और अंदर घुस आए। उन्होंने उसे गले लगाने की कोशिश की, जिससे छात्रा डर गई और चीखने-चिल्लाने लगीं।
वहीं, इस घटना के बारे में पीड़िता के पिता को पता चला तो वह तुरंत पहुंचे और बेटी को लेकर वहां से चले गए। छात्रा इतनी डरी हुई थी कि वह अपना बैग और जरूरी दस्तावेज तक वहीं छोड़ के चली गई, लेकिन चैतन्यानंद के लोग उनका पीछा करते हुए उनके घर तक पहुंच गए। जिसके बाद से उसे रोज धमकियां मिलने लगी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह मामला आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा का हनन) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दर्ज हुआ। हालांकि, चैतन्यानंद ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह सब साजिश है। लेकिन अब, नौ साल बाद यह पुरानी FIR नई जांच का आधार बन रही है।
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