सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति, विपक्ष के सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से दी मात

Vice Presidential Election 2025: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मंगलवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया। NDA के उम्मीदवार राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। यानी सीपी राधाकृष्णन ने बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया।
152 वोटों के अंतर से जीते सीपी राधाकृष्णन
मालूम हो कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। कुल 781 सांसदों वाले इलेक्टोरल कॉलेज में से 767 ने वोट डाले, जो 98.2 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा दर्शाता है। इसमें से 752 वोट वैध पाए गए, जबकि 15 अमान्य घोषित किए गए। इसके अलावा 13 सांसदों ने मतदान से परहेज किया, जिनमें बीजू जनता दल (बीजेडी) के 7, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 4, शिरोमणि अकाली दल के 1 और एक स्वतंत्र सांसद शामिल थे।
वहीं, मतगणना शाम 6 बजे शुरू हुई और जल्द ही परिणाम घोषित हो गए। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। यह अंतर विपक्ष की अपेक्षाओं से कम साबित हुआ, जिससे कुछ क्रॉस-वोटिंग की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि NDA के पास संसद में बहुमत होने के कारण उम्मीद के मुताबिक ही राधाकृष्णन की जीत हुई।
सीपी राधाकृष्णन का परिचय
बता दें, सीपी राधाकृष्णन (68 वर्ष) तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। वे 1998 और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान चुने गए थे। 2004-2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे, जहां उन्होंने दक्षिण भारत में पार्टी की नींव मजबूत करने का श्रेय मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े राधाकृष्णन ने झारखंड (2023) और महाराष्ट्र (2024) के राज्यपाल के रूप में भी सेवा की। वे कोयर बोर्ड के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा संघ से शुरू होकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची है।
कौन हैं बी सुदर्शन रेड्डी?
दूसरी ओर, जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी (79 वर्ष) आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। वे इंडिया गठबंधन (विपक्षी दल) के संयुक्त उम्मीदवार थे। रेड्डी ने न्यायिक क्षेत्र में लंबा अनुभव रखा है और उन्हें एक निष्पक्ष और सिद्धहस्त जज माना जाता है।यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफे के बाद कराया गया। धनखड़ का इस्तीफा अस्पष्ट और अप्रत्याशित था, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे।
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