नेपाल में Gen Z आंदोलन जारी, जेलों से 1600 कैदी फरार...बिहार-UP की सीमा पर हाई अलर्ट; PM मोदी ने की अपील

Gen Z Movement Nepal: नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ छिड़े 'जन जेड' (Gen-Z) प्रदर्शनों ने हिंसक रूप धारण कर लिया है। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने पोखरा, महोत्तरी और नक्खू की जेलों पर हमला कर दिया, जिसमें 1600 से ज्यादा कैदियों के फरार होने की खबरें हैं। इस अशांति में अब तक 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। दूसरी तरफ, इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने नेपाली लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही, बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
1600 से ज्यादा कैदी फरार
नेपाल हिंसा का सबसे खतरनाक रूप जेलों पर हुए हमलों में दिखा गया है। पोखरा की जेल में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया, जिसका फायदा उठाते हुए करीब 900 कैदी फरार हो गए। नक्खू जेल (ललितपुर) में आग लगाई गई और सभी कैदी बाहर निकल आए। यहां राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी के चेयरमैन रवि लामिछाने को समर्थकों ने बाहर निकाला। वहीं, महोत्तरी के जलेस्वर जेल में प्रदर्शनकारियों और कैदियों ने मिलकर दीवार तोड़ दी, जिसमें 572 कैदी भाग निकले। दंग जिले की तुलसीपुर जेल से भी 127 कैदी भागे। यानी कुल मिलाकर 1600 से ज्यादा कैदियों के फरार होने की पुष्टि हुई है।
बिहार-UP बॉर्डर पर अलर्ट
भारत ने पड़ोसी देश की अस्थिरता पर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को नेपाल यात्रा स्थगित करने और मौजूदा लोगों को घरों में रहने की सलाह दी। इमरजेंसी नंबर जारी किए गए हैं। इसके अलावा बिहार पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा के जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया, जबकि उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में संयुक्त गश्त बढ़ा दी गई।
PM मोदी ने की बड़ी अपील
दूसरी तरफ, नेपाल हिंसा पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा आज हिमाचल प्रदेश और पंजाब के दौरे से लौटने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक में नेपाल के घटनाक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। नेपाल में हुई हिंसा हृदयविदारक है। यह जानकर बहुत दुख हुआ कि इसमें कई युवाओं की जान गई है। नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि हमारे लिए अत्यंत जरूरी है। मैं नेपाल के अपने सभी भाई-बहनों से विनम्र अपील करता हूं कि वे शांति-व्यवस्था बनाए रखें।'
कैसे शुरु हुआ Gen Z का आंदोलन?
दरअसल, हाल ही में नेपाल की ओली सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य 22 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार का दावा था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना। सोमवार को काठमांडू में लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने संसद घेर ली, जिसके जवाब में पुलिस ने गोलीबारी की। जिसके चलते 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा घायल हो गए।
जिसके बाद मंगलवार को सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा लिया गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। युवा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आर्थिक संकट के खिलाफ चिल्ला रहे थे। उन्होंने ओली के भक्तपुर स्थित घर को आग लगा दी, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निवास को तोड़ा, और पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा व पुष्प कमल दाहाल (प्रचंड) के घरों पर हमले किए। देउबा और उनकी पत्नी विदेश मंत्री अर्जु राणा देउबा पर भी हमला हुआ, जिसमें वे घायल हो गए। संचार मंत्री प्रिथ्वी सुभ्बा गुरुङ के घर को भी जलाया गया। संसद भवन, नेपाली कांग्रेस का केंद्रीय कार्यालय और सुप्रीम कोर्ट तक आग की चपेट में आ गए। जिसके चलते प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
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