सहकारिता से देश-प्रदेश बन रहे आत्मनिर्भर और सशक्त, हर पंचायत को सहकारी संघों से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध- सीएम भजनलाल शर्मा

Rajasthan News: राज्यस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सहकारिता देश और प्रदेश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का द्वार है। सहकारिता को आमजन से जोड़ने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है ताकि उनके जीवन स्तर पर बड़ा बदलाव आए। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रत्येक पंचायत को सहकारिता से जोड़ने के लिए ग्रामीण सहकारी संघ (जीएसएस) की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है। इससे किसानों को आसानी से बीज और खाद उपलब्ध हो पाएंगे।
सीएम भजन लाल शर्मा ने बुधवार को जयपुर के बिडला सभागार में सहकार भारती और सहकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक स्थानीय समुदाय की आवश्यकताओं को गहराई से समझते हैं। इन बैंकों ने छोटे उद्यमियों, दुकानदारों, कारीगरों और मध्यमवर्गीय परिवारों को आसान ऋण उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है। ये आर्थिक सशक्तिकरण के प्रमुख वाहक के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा कि आज इसकी प्रदेश में 236 शाखाएं कार्यरत हैं। वहीं, सदस्य संख्या साढ़े चार लाख से भी अधिक है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व और केन्द्र्रीय सहकारिता मंत्री के मार्गदर्शन में सहकारिता का स्वर्ण काल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सहकारिता अपने स्वर्ण काल से गुजर रही है। उनकी पहल पर “सहकार से समृद्धि“ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से वर्ष 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई दूरगामी निर्णय किए हैं। हाल ही में केन्द्र सरकार ने देश में पहली विस्तृत राष्ट्रीय को-ऑपरेटिव पॉलिसी लॉन्च की है। साथ ही, पिछले चार वर्षों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, डेयरी, मत्स्य, सहकारी बैंकों, चीनी सहकारी संस्थाओं और सहकारी शासन प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए 100 से अधिक पहलें की हैं।
पूर्ववर्ती सरकार के समय में सहकारिता रही उपेक्षित, हमारी सरकार ने सुनिश्चित की पारदर्शिता
सीएम शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय में सहकारिता उपेक्षित रही। किसानों को ना समय पर बीज मिलते थे और ना ही पैसा। सहकारी बैंकों में एनपीए की स्थिति भी भयावह थी। उन्होंनेे कहा कि आज सहकारी बैंकों की एनपीए की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है और नई तकनीकों के माध्यम से सेवा में गुणवत्ता आई है। हमनें पारदर्शिता शिकायत निवारण की व्यवस्था भी लागू की है। अब भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होती है।
42 हजार करोड़ से अधिक के ब्याज मुक्त अल्पकालिक फसली ऋण वितरित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सहकारिता को बढ़ावा देते हुए किसान और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के अन्तर्गत घमूड़वाली पैक्स में गोदाम, प्रसंस्करण यूनिट और कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना जैसे कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही, राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना से गोपालकों को लाभान्वित किया जा रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि सहकारी बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार ने अब तक किसानों को लगभग 42 हज़ार 394 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त अल्पकालिक फसली ऋण उपलब्ध कराए हैं तथा करीब 404 करोड़ रुपये के फसली ऋण वितरित किए हैं।
जबरन धर्मांतरण और लव जेहाद पर लगेगी प्रभावी रोक मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जबरन धर्मांतरण के खिलाफ राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 लेकर आई है, जिसे मंगलवार को विधानसभा ने पारित कर दिया। इस क़ानून से लव जेहाद और जबरन धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि गत सरकार के समय में प्रदेश में अवैध धर्मांतरण में लिप्त गिरोह सक्रिय थे। आदिवासी भाई-बहनों का बहला फुसलाकर कर धर्मांतरण कराया जाता था और लव जेहाद एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा था। इस कड़े क़ानून को बनाकर हमारी सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो कोई भी इन गतिविधियों में शामिल है, वो अपनी हरकतों से बाज आ जाए, नहीं तो जेल की सलाखें उनका इंतज़ार कर रही है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान सहकारिता के क्षेत्र में अग्रणी राज्य
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। सहकारिता क्षेत्र में हो रहे नवाचारों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में सहकारिता आंदोलन अहम भूमिका निभाएगा। आरबीआई के निदेशक सतीश मराठे ने कहा कि देश की आर्थिक धारा में सहकारी बैंकों की भूमिका निरंतर महत्वपूर्ण होती जा रही है। अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के बीच वित्तीय समावेशन का सशक्त माध्यम है, जिनसे छोटे व्यापारी, मध्यम वर्ग और उद्यमी वर्ग को वित्तीय सहायता सरलता से उपलब्ध हो रही है।
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