इस्तीफे के बाद मीडिया का निशाना बने पीएम ओली, सरकार की बर्बरता को रखा सामने

Gen Z Protest: नेपाल की हालत इस समय काफी खराब नजर आ रहा है। यहां पर सोशल मीडिया बैन को लेकर शुरू हुआ Gen-Z आंदोलन के कारण हिंसा का माहौल बना हुआ है। आंदोलन इतना बढ़ चुका है कि नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले देश के गृह, कृषि और स्वास्थ्य मंत्री समेत पांच मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। इस हिंसा की खबर दुनियाभर में फैल चुकी है और मीडिया के बीच भी ये एक बड़ी खबर बनती जा रही है।
पांच मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
नेपाल के लगभग सभी प्रमुख अखबारों में पीएम ओली की आलोचना देखने को मिल रही है और कहा जा रहा है कि सोमवार को हुई हिंसा के जिम्मेदार पीएम हैं। नेपाल के एक प्रमुख अखबार द काठमांडू पोस्ट ने पीएम ओली के इस्तीफे की खबर पर लिखा है, विनाशकारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफा।
काठमांडू पोस्ट ने लिखी ये बात
काठमांडू पोस्ट ने लिखा कि ओली 2024 से सत्ता में आए थे और नेपाली कांग्रेस के समर्थन से चौथी बार पीएम बने थे। हिंसा को लेकर उन पर इस्तीफे का काफी दबाव था. प्रदर्शनकारियों और मानवाधिकार समूहों ने उनकी सरकार पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल प्रयोग का आरोप लगाया है। अखबार आगे लिखता है कि उनके इस्तीफे के साथ ही उनके राजनीतिक करियर का भी अंत हो गया है।
पीएम ओली बर्बरता आई सामने
काठमांडू पोस्ट के संपादकीय में सोमवार, 9 सितंबर को हुई हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया। संपादकीय में लिखा गया कि सोमवार को नेपाल के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे खूनी दिन था, जब सुरक्षा बलों ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठाने वाले जनरेशन-Z प्रदर्शनकारियों पर आतंक बरसाया। संसद भवन के सामने ओली की बर्बरता पूरी तरह सामने आई जब उनके समर्थकों ने निर्दोष युवाओं पर गोलियां बरसाई जिसमें 19 लोग मारे गए। 2008 में लोकतंत्र की वापसी आंदोलन के समय तत्कालीन राजा ज्ञानेंद्र शाह के समय भी इतनी ही हत्याएं हुई थीं।
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