मॉनसून के बाद अब सर्दी तोड़ेगी रिकॉर्ड! La Nina से भारत पर कितना होगा असर? WMO की रिपोर्ट में खुलासा

Coldwave Forecast 2025-2026: साल 2025में मॉनसून की भारी बारिश ने देश को हिला दिया। पूरा देश जलमन्ग हो गया। जिसके बाद अब मौसम विशेषज्ञों की नजर सर्दियों पर टिक गई है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो ला नीना की स्थिति इस साल के अंत तक मजबूत हो सकती है, जिससे उत्तर और मध्य भारत में सामान्य से कहीं ज्यादा ठंड पड़ने की आशंका है। खासकर नवंबर से फरवरी तक शीतलहर की लहरें हाथ कंपाने वाली साबित हो सकती हैं।
साल 2025में ठंड बढ़ने की संभावना तेज
बता दें, ला नीना एल नीनो का विपरीत रूप है, जहां एल नीनो महासागर को गर्म कर देता है, वहीं ला नीना ठंडक पैदा करती है। WMO के अनुसार, सितंबर से नवंबर 2025के बीच ला नीना की वापसी की 60%से अधिक संभावना है, जो दिसंबर 2025से फरवरी 2026तक बनी रह सकती है। वहीं, अमेरिकी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने भी अनुमान लगाया है कि इसकी संभावना 53%से बढ़कर वर्षांत तक 58%हो जाएगी। WMO की अगस्त 2025अपडेट में कहा गया है कि सितंबर से ला नीना उभर सकती है, लेकिन यह कमजोर रहेगी क्योंकि यह देरी से विकसित हो रही है। वैश्विक तापमान अभी भी ऊपर ही रहेंगे, लेकिन ला नीना वर्षा और तापमान पैटर्न को प्रभावित करेगी।
2025मॉनसून पर ला नीना का असर
मालूम हो कि भारत का दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) ला नीना से मजबूत संबंध रखता है। IMD के आंकड़ों के अनुसार, 2025का मॉनसून सामान्य से 8%अधिक बारिश वाला रहा, जो कुल 108%वर्षा दर्ज की गई। यह ला नीना की शुरुआती ठंडक का नतीजा था, जिसने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर मौसम प्रणालियों को सक्रिय रखा। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अतिरिक्त वर्षा हुई, जबकि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी।
WMO के अनुसार, ला नीना वाले सालों में भारत को सामान्य या इससे अधिक वर्षा मिलती है, जैसा कि 2020-2022में देखा गया। हालांकि, 2025में मानसून की वापसी में देरी हुई सामान्यतः सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली यह प्रक्रिया अब 17अक्टूबर तक चल सकती है। इससे सितंबर के अंत और अक्टूबर की शुरुआत में पूर्वी और दक्षिणी भारत में भारी बारिश जारी रह सकती है। IMD की 10सितंबर 2025की प्रेस रिलीज में चेतावनी दी गई है कि अगले 4-5दिनों में पूर्वी भारत और प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना है।
सर्दियों पर ला नीना का प्रभाव
वहीं, अब मॉनसून के बाद सर्दी ला नीना का असली परीक्षण मैदान बनेगी। NOAA और WMO के पूर्वानुमान बताते हैं कि ला नीना उत्तर भारत में तापमान को सामान्य से 2-4 डिग्री नीचे धकेल देगी, जिससे नवंबर से फरवरी तक शीतलहरें चलेंगी। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में गहन ठंड, घना कोहरा और लंबी शीतलहरें चलेंगी।
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