मेट्रो-रोपवे और स्टेडियम से बदलेगी पूर्वांचल की तस्वीर! वारणसी समेत इन 6 जिलों की इकॉनमी को मिलेगा बूस्टर डोज

PM Varanasi Development Vision: 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ा, तब उनका विजन था काशी को पूर्वांचल का विकास केंद्र बनाना। 11 साल बाद, यह सपना हकीकत बन रहा है। सड़कों का जाल, बाबतपुर एयर कार्गो, रामनगर बंदरगाह और श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट्स ने वाराणसी को नई पहचान दी है। अब रोपवे, मेट्रो और गंजारी में बन रहा 450 करोड़ का इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम वाराणसी को पूर्वांचल कैपिटल रीजन (PCR) का सेंटर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। दिसंबर 2025 तक स्टेडियम पूरा होने की उम्मीद है, जो पारंपरिक डिजाइन के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यह न सिर्फ वाराणसी, बल्कि चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर जैसे आसपास के जिलों की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगा।
400 एकड़ की टाउनशिप, स्पोर्ट्स का नया हब
गंजारी में क्रिकेट स्टेडियम के साथ वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) 400 एकड़ में एक भव्य टाउनशिप बसाने की तैयारी में है। डीह गंजारी, हरपुर और परमपुर गांवों की जमीनें इसके लिए चिह्नित की गई हैं। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम के मुताबिक, टाउनशिप के साथ स्पोर्ट्स और अन्य प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन भी इसी दिशा में एक कदम है। अर्थशास्त्री प्रो. अनूप मिश्र इसे 'पूल इम्पैक्ट' बताते हैं, जो क्रिएटिव इकॉनमी को बढ़ावा देगा। यह स्टेडियम पूर्वांचल के युवाओं को खेल में करियर बनाने का मौका देगा और वाराणसी को स्पोर्ट्स हब के रूप में स्थापित करेगा।
रोपवे और मेट्रो से बदलेगा बनारस
वाराणसी में देश का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट (800 करोड़) देव दीपावली पर शुरू होने को तैयार है। यह कैंट से गोदौलिया की 16 मिनट की यात्रा को आसान बनाएगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को बल मिलेगा। टाउन प्लानर आरसी जैन इसे यूपी का 'सेंटर ऑफ अट्रैक्शन' बताते हैं। इसके साथ ही, मेट्रो प्रोजेक्ट को भी मंजूरी मिल चुकी है। कैंट स्टेशन को मल्टी-मॉडल टर्मिनल बनाया जाएगा, जहां मेट्रो, रोपवे और बसें एकीकृत होंगी। व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा कहते हैं कि मेट्रो से वाराणसी के व्यापार को नई रफ्तार मिलेगी, क्योंकि यह 6 जिलों और 50 कस्बों का व्यापारिक केंद्र है।
इंडस्ट्रियल हब की जरूरत, पूर्वांचल का भविष्य
पिछले 10 सालों में वाराणसी ने हेल्थ, एजुकेशन, बैंकिंग और इंश्योरेंस में जबरदस्त उछाल देखा है। रिंग रोड और बंदरगाह ने एग्रो-इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मजबूत किया। लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि वाराणसी को एक बड़े इंडस्ट्रियल हब की जरूरत है। प्रो. अनूप मिश्र और टाउन प्लानर आरसी जैन कहते हैं कि बीएलडब्ल्यू जैसे कारखाने या अंबानी-अडानी जैसे निवेश से पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। मेट्रो और रोपवे से रोजगार और व्यापार बढ़ेगा, लेकिन एक मेगा इंडस्ट्री ही वाराणसी को सच्चा PCR बना सकती है।
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