लद्दाख में भीषण हिमस्खलन, भारतीय सेना के तीन जवान शहीद

Siachen Glacier: लद्दाख के सियाचिन में अचानक ही हिमस्खलन आया, जिसमें भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए। ये जगह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है जहां सैनिक 60 डिग्री की ठंड, तेज हवाओं और बर्फीले खतरों सामना करते हुए देश की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं। इस घटना के बाद सेना की बचाव टीमें तुरंत काम पर लग गई हैं। सियाचिन में हिमस्खलन सर्दियों में आम बात है। 1984 के ऑपरेशन मेघदूत से अब तक 1,000 से ज्यादा सैनिक ऐसे मौसम का शिकार बन चुके हैं।
बचाव कार्य जारी
हिमस्खलन की खबर मिलते ही भारतीय सेना और वायुसेना ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया। विशेषज्ञ अवलांच रेस्क्यू टीमें (ART) मौके पर पहुंचीं, जो बर्फ में दबे जवानों को निकालने की कोशिश कर रही हैं। ये टीमें लेह और उधमपुर से समन्वय कर रही हैं। सेना के हेलीकॉप्टर चीता और Mi-17, घायलों को निकालने और अस्पताल पहुंचाने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। सियाचिन में ऐसी आपात स्थिति के लिए सेना हमेशा तैयार रहती है, लेकिन बर्फ और ठंड की वजह से बचाव कार्य बेहद मुश्किल हो जाता है।
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