विपक्ष कर रहा सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग, सरकार को कहा तानाशाह

Ladakh Protest: लद्दाख में हुई हिंसा के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी हुए। इसके बाद से सियासी माहौल गरमाता हुआ नजर आया। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते कहा कि सरकार लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने जहां तत्काल रिहाई की मांग उठाई है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वांगचुक की गिरफ्तारी को तानाशाही कार्रवाई करार दिया।
वहीं, दुसरी तरफ सोनम वांगचुक के परिवार के सदस्यों ने 24 सितंबर को लेह में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद लद्दाख में उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
गिरफ्तारी कोई समाधान नहीं- सांसद प्रमोद
वांगचुक की गिरफ्तारी पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पीएम और गृह मंत्री द्वारा किए गए वादों को पूरा करना ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है। चाहे वो राज्य को लेकर हो, चाहे पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर हो, वो उन्हें दिया जाना चाहिए। गिरफ़्तारी समस्या समाधान नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार पिछले दो सालों से मणिपुर को संभाल नहीं पा रही है। लद्दाख सबसे संवेदनशील क्षेत्र है और इसकी सीमा चीन से लगती है। लद्दाख में दमन से काम नहीं चलेगा, सिर्फ बातचीत से ही काम चलेगा और जो वादा किया है उसे पूरा करने से होगा।
कांग्रेस नेता ने गिरफ्तारी को कहा अनुचित
वांगचुक की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी अनुचित है। केंद्र सरकार ने पिछले पंचायत चुनावों में लद्दाख के लोगों से छठी अनुसूची का वादा किया था। अब वे इसे पूरा नहीं कर सकते और वे लोगों को ये विश्वास दिलाना चाहते हैं कि वे अच्छे हैं, उन्होंने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जो लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के समय उनके साथ दिया था। भारत सरकार का दावा है कि विरोध प्रदर्शन पूर्व नियोजित हैं।
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