बिहार में महिला सशक्तिकरण की नई लहर, PM मोदी ने 'जीविका निधि साख सहकारी संघ' का किया शुभारंभ

Jeevika Nidhi Sakh Sahkari Sangh In Bihar: मंगलवार 02 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार की राजधानी पटना में बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का उद्घाटन किया। यह एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं, विशेष रूप से जीविका स्व-सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह सहकारी संस्था बिहार सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से स्थापित की गई है और इसका संचालन पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित है।
जीविका निधि साख सहकारी संघ क्या है?
जीविका निधि साख सहकारी संघ एक वित्तीय संस्था है, जो बिहार में जीविका कार्यक्रम के तहत गठित स्व-सहायता समूहों और क्लस्टर-स्तरीय फेडरेशनों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह संस्था ग्रामीण महिलाओं को सस्ती और पारदर्शी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि वे अपने छोटे व्यवसायों और उद्यमों को बढ़ा सकें। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और महिलाओं को माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (MFIs) की उच्च ब्याज दरों से मुक्ति दिलाना है।
इस सहकारी संघ के सभी पंजीकृत क्लस्टर-स्तरीय फेडरेशन इसके सदस्य होंगे और यह बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसकी खासियत यह है कि यह पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करती है, जिससे लेन-देन में पारदर्शिता और गति सुनिश्चित होती है। उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए, जिससे इसकी शुरुआत को और बल मिला।
महिलाओं को होने वाले लाभ
1. सस्ते ब्याज दरों पर ऋण: यह संस्था कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करती है, जिससे महिलाओं को माइक्रोफाइनेंस संस्थानों की तुलना में किफायती वित्तीय सहायता मिलेगी। इससे वे अपने व्यवसायों को शुरू करने या विस्तार करने में सक्षम होंगी।
2. आर्थिक सशक्तिकरण: यह योजना ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनने का अवसर देती है। चाहे वह छोटे पैमाने का व्यवसाय हो, जैसे कि हस्तशिल्प, खेती, पशुपालन या स्थानीय उत्पादों का निर्माण, यह संस्था उन्हें पूंजी प्रदान करके आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी।
3. डिजिटल पारदर्शिता: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित यह संस्था लेन-देन को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है। इसके लिए 12,000 सामुदायिक कैडर को टैबलेट प्रदान किए जा रहे हैं, जो जीविका दीदियों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में सहायता करेंगे।
4. वित्तीय समावेशन: यह पहल ग्रामीण महिलाओं को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ती है, जिससे वे सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और अन्य वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो पहले बैंकिंग व्यवस्था से कटी हुई थीं।
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