चुनाव से पहले बिहार में खूनी वारदात, सीतामढ़ी और पटना में बेखौफ अपराधी का आतंक; दो की मौत

Bihar Crime News: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच अपराध की घटनाएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही। 12 जुलाई को एक ही दिन में पटना और सीतामढ़ी में हुई दो हत्याओं ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन घटनाओं में बेखौफ अपराधियों ने गोलीबारी कर दो लोगों की जान ले ली। जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
सीतामढ़ी में व्यवसायी की हत्या
सीतामढ़ी जिले के मेहसौल चौक पर शनिवार को व्यवसायी पुटू खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई। जिसमें साफ दिख रहा है कि बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने पुटू खान के सिर में गोली मारी और मौके से फरार हो गए। हत्या के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया और पोस्टमॉर्टम से पहले पुलिस पर कार्रवाई की मांग की। शुरुआती जांच में पुलिस ने बताया कि इस हत्या का संबंध जमीन के कारोबार से हो सकता है। सीतामढ़ी पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
पटना में बीजेपी नेता की हत्या
दूसरी ओर, पटना के पुनपुन प्रखंड के शेखपुरा गांव में शनिवार देर रात भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व किसान मोर्चा प्रखंड अध्यक्ष और ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी सुरेंद्र केवट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों ने सुरेंद्र केवट पर ताबड़तोड़ चार गोलियां दागीं। जिसके बाद उन्हें पटना एम्स ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने बताया कि सुरेंद्र केवट न केवल स्वास्थ्य विभाग से जुड़े थे, बल्कि स्थानीय स्तर पर बीजेपी के सक्रिय नेता भी थे। मसौढ़ी के डीएसपी कन्हैया प्रसाद सिंह ने कहा कि पुलिस ने कुछ सुराग जुटाए हैं और फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल टीम को बुलाया गया है।
दोनों घटनाओं के बाद पुलिस की कार्रवाई और जनता का गुस्सा
दोनों घटनाओं के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की है। सीतामढ़ी में CCTV फुटेज की जांच की जा रही है, जबकि पटना में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। हालांकि, स्थानीय लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। सीतामढ़ी में पुटू खान की हत्या के विरोध में परिजनों ने मीडियाकर्मियों को भी विजुअल बनाने से रोका, जबकि पटना में बीजेपी नेताओं और ग्रामीणों ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। गौरतलब है कि इन दोनों घटनाओं ने बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं को फिर से उजागर किया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इन वारदातों को लेकर नीतीश कुमार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
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