'बिना किसी की मदद के 7 युद्ध खत्म', UN में बोले डोनाल्ड ट्रंप; तुर्किये ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा

UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रंप ने अपनी स्पीच में दावा किया कि उन्होंने सिर्फ सात महीनों में सात युद्धों को समाप्त कर दिया, जिसमें भारत-पाकिस्तान तनाव का जिक्र भी किया। इन सात युद्धों में कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, पाकिस्तान और भारत, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, आर्मेनिया और अजरबैजान भी शामिल हैं। वहीं, तुर्क राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने पाकिस्तान का साथ देते हुए कश्मीर मुद्दे को फिर से हवा दी। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद हुए युद्धविराम से हम खुश हैं।
ट्रंप का 'शांति का तमगा'
ट्रंप ने 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में UNGA को संबोधित करते हुए खुद को 'शांति का राष्ट्रपति' करार दिया। उन्होंने कहा 'सिर्फ सात महीनों में मैंने सात 'असमाप्त' युद्धों को समाप्त कर दिया। किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मदद के बिना मैंने कर दिखाया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसलिए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।' उनका दावा था कि इनमें भारत-पाकिस्तान सीमा पर अप्रैल के तनाव को शांत करने का कार्य शामिल है, जहां अमेरिकी मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ। ट्रंप ने अन्य संघर्षों का भी जिक्र किया, जैसे आर्मेनिया-अजरबैजान, रवांडा-कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इजराइल-ईरान और गाजा पट्टी से जुड़े विवाद भी हैं।
वहीं, व्हाइट हाउस के आधिकारिक बयान में ट्रंप की यह उपलब्धि 'संप्रभुता की विजय' बताई गई, जहां उन्होंने वैश्विक संस्थाओं जैसे यूएन और नाटो की आलोचना भी की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को 'धोखा' कहा और प्रवासन नीतियों पर तीखा प्रहार किया। न्यूयॉर्क टाइम्स और पोलिटिफैक्ट के अनुसार, ये 'समाप्ति' ज्यादातर अस्थायी युद्धविराम हैं, जिनमें अमेरिका की भूमिका विवादास्पद रही। जैसे - भारत-पाकिस्तान युद्धविराम को ट्रंप प्रशासन ने अपनी कूटनीतिक सफलता बताया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थानीय स्तर पर दोनों देशों की सैन्य तैनाती कम करने का परिणाम था, न कि पूर्ण मध्यस्थता।
तुर्की का कश्मीर राग
दूसरी तरफ, ट्रंप की स्पीच के ठीक बाद तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी स्पीच में दक्षिण एशिया पर फोकस किया। उन्होंने कहा 'हम अप्रैल में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद हुए युद्धविराम से खुश हैं। लेकिन कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर संवाद से हल होना चाहिए, ताकि वहां के भाइयों-बहनों को न्याय मिले।' एर्दोगन ने भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की भी वकालत की, लेकिन कश्मीर को 'लंबे समय से अनसुलझा अंतरराष्ट्रीय विवाद' करार दिया।
यह तुर्की का पारंपरिक रुख है, जो पाकिस्तान को कूटनीतिक समर्थन देता रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एर्दोगन ने गाजा में इजराइल की कार्रवाइयों की निंदा के साथ कश्मीर को जोड़ा, जो पाकिस्तान के लिए राहत की बात थी। वहीं, भारत ने आधिकारिक तौर पर इस पर टिप्पणी नहीं की, लेकिन पिछले महीनों यूएनएससी में पाकिस्तान के कश्मीर प्रयासों को केवल तुर्की का समर्थन मिला था।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular

Leave a Reply