अमेरिका में हनुमान की 90 फुट ऊंची प्रतिमा को ईसाई कट्टरता की चुनौती, जानें क्या है पूरा मामला?

Hanuman Statue Controversy In America: अमेरिका के टेक्सास राज्य में स्थापित भगवान हनुमान जी की 90फुट ऊंची प्रतिमा को 'यूनियन ऑफ डेवोशन' (भक्ति का संघ) के नाम से जाना जाता है। इसका उद्घाटन अगस्त 2024में हुआ था, जो न केवल हिंदू समुदाय के लिए एक आध्यात्मिक प्रतीक है, बल्कि यह धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक टकराव का केंद्र भी बन चुकी है। दरअसल, हाल ही में एक रिपब्लिकन नेता ने इस प्रतिमा को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। जिसके बाद इस प्रतिमा को डेमन गॉड (राक्षस देवता) और 'फर्जी हिंदू देवता' बता रहे हैं। जिससे अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं।
हनुमानजी की प्रतिमा का निर्माण और महत्व
बता दें, यह विशालकाय प्रतिमा टेक्सास के शुगर लैंड में श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर परिसर में स्थापित है, जो ह्यूस्टन शहर से लगभग 35किलोमीटर दूर है। पंचलोहा यानी पांच धातुओं से बनी यह 90फुट ऊंची प्रतिमा नॉर्थ अमेरिका में भगवान हनुमान की सबसे ऊंची मूर्ति है। हिंदू समुदाय के लिए यह उत्तर अमेरिका का एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बन चुकी है। अमेरिका में यह तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है। पहले नंबर पर न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (151फुट) और दूसरे नबर पर फ्लोरिडा की पेगासस एंड ड्रैगन (110फुट) है।
लेकिन उद्घाटन के तुरंत बाद ही अमेरिकी मीडिया और सोशल मीडिया पर विवाद भड़क उठा। न्यूजवीक, एएफ पोस्ट, अमेरिकन रेनेसांस और लाइफ साइट जैसे आउटलेट्स ने इसे 'हाफ-मंकी हाफ-ह्यूमन' (आधे-वानर आधे-मानव) और 'डेमन गॉड' कहा। कुछ ईसाई समूहों ने मंदिर परिसर में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रार्थना की कि यह प्रतिमा गिर जाए। सोशल मीडिया पर भी हिंदू-विरोधी टिप्पणियां उमड़ीं। एक यूजर ने लिखा 'मंकी पॉक्स और अब मंकी गॉड समय का संयोग परफेक्ट है।' दूसरे ने कहा 'यह हिंदू देवता हनुमान का 90फुट का डेमन स्टैच्यू है, जो अमेरिका में तीसरा सबसे ऊंचा है।'
2025में रिपब्लिकन नेता का 'फर्जी देवता' बयान
सितंबर 2025 में इस विवाद ने नया रूप ले लिया जब टेक्सास के रिपब्लिकन सीनेट उम्मीदवार अलेक्जेंडर डंकन ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा 'हम टेक्सास में एक फर्जी हिंदू देवता की फर्जी प्रतिमा की पूजा क्यों कर रहे हैं? हम एक ईसाई राष्ट्र हैं!' उन्होंने टेक्सास जीओपी को टैग करते हुए पूछा कि क्या पार्टी इसकी कार्रवाई करेगी। वहीं, अब यह बयान वायरल होते ही बैकलैश का शिकार हो गया। हिंदू संगठनों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने इसे धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक बताया।
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