बंगाल की मूसलाधार बारिश से लगा दुर्गा पूजा पर ब्रेक, 9 लोगों की मौत और स्कूल-कॉलेजों पर ताला; IMD का अलर्ट जारी

West Bengal Floods: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे क्षेत्र को पानी-पानी कर दिया है। यह बारिश 37 सालों में सबसे भारी दर्ज की गई है, जिसमें कोलकाता में 247 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। जिस वजह से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, ज्यादातर मौते करंट लगने से हुई है। दुर्गा पूजा के ठीक पहले यह प्राकृतिक आपदा ने लाखों लोगों की जिंदगी को ठप कर दिया है।
सड़कें नदियों में तब्दील हुई
बारिश की वजह से हुई दुर्घटनाओं में अब तक 09 लोगों की जान जा चुकी है। शहर के विभिन्न हिस्सों जैसे बालिगंज, मुकुंदपुर, गढ़िया हाट और जादवपुर में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके रहे। इन सभी इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है। घरों, दुकानों और दुर्गा पूजा के पंडालों में भी पानी घुस गया है। सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं और ट्रेनें-मेट्रो सब रुक गई हैं। कुछ मामलों में शव सड़कों पर तैरते नजर आए। जिसने जल निकासी प्रणाली की खामियां फिर उजागर हो गईं।
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि यह दुखद घटना है और सरकार हर संभव मदद करेगी। इसी के साथ राज्य सरकार ने हालात की गंभीरता को देखते हुए हालात 25 सितंबर तक सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। दुर्गा पूजा की छुट्टियों को पहले शुरू करने का ऐलान किया है।
यातायात पूरी तरह से ठप
भारी बारिश ने कोलकाता के यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। 30 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, 42 फ्लाइट्स में देरी हुई है, जबकि ट्रेन और मेट्रो सेवाएं कई घंटों से ठप हैं। सड़कों पर जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम ने यात्रियों को परेशान कर दिया। शहर के निचले इलाकों में घरों तक पानी घुस गया, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा दुर्गा पूजा की तैयारियां भी जोरों पर थीं, लेकिन अब पंडालों की सजावट और आयोजन पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कोलकाता और दक्षिण-पश्चिम बंगाल के जिलों जैसे पूर्व और पश्चिम मेदिनिपुर, दक्षिण 24 परगना, झाड़ग्राम और बांकुरा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। इसकी वजह बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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