क्या H3N2 वायरस कोरोना जितना है खतरनाक? जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा
H3N2 VIRUS: दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में नए वायरल का संक्रमण तेजी के साथ बढ़ रहा है। वहीं इस वायरल को लेकर अब एक्सपर्ट्स भी चिंता में आ गए है क्योंकि इस वायरल के लक्षण कोरोना के जैसे बताए जा रहे है। वही एक्सपर्ट्स ने कोरोना और H3N2 वायरल में कितना अंतर है इसके बारे में जानकारी दी है तो चलिए आपको बताते है कि इस दोनों में कितना अंतर है?
40%लोगों में फैला ये फ्लू
दरअसल देशभर में H3N2 नाम का वायरस बढ़े तेजी के साथ बढ़ रहा है। वहीं इसके लक्षणों की बात करें तो बुखार, खांसी, गले में खराश, उल्टी और दस्त शामिल हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, फ्लू 5से 7दिनों तक रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-NCRमें 40फीसदी लोगों को यह फ्लू हो रहा है। इतना ही नहीं, H3N2वायरस के कारण पोस्ट-वायरल ब्रोंकाइटिस के कई मामले सामने आते हैं।
क्या है ये वायरस
H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है। यह एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है जिसकी खोज 1968 में हुई थी।
कोरोना- H3N2 में क्या हैं अंतर
एक्सपर्ट का मानना है कि कोविड निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन पथ को प्रभावित करता है, जबकि H3N2 ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। जैसे बुखार, खांसी, सर्दी, गले, नाक और आंखों में जलन का लंबे समय तक बने रहना। दरअसल, दोनों के लक्षण समान हैं और यह तेजी से फैल रहा है।
वहीं, कुछ निजी अस्पताल H3N2 के लिए टेस्ट कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये जांच अनावश्यक और महंगी है क्योंकि इसके टेस्ट सरकारी अस्पतालों में नहीं किए जा रहे हैं, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल H3N2 की जांच के लिए 6000 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं।
H3N2 वायरस के कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हर साल जनवरी और फरवरी के महीने में मौसम में बदलाव के कारण इस वायरस के मामले बढ़ जाते हैं। हालांकि इस दौरान लोगों को सावधानी बरतनी होगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली-NCRइस वायरस की चपेट में है, जिससे लोग सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं। इस वायरस का नाम H3N2 है।सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर के प्रमुख डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर ने बताया कि हर साल हम मौसम की स्थिति के कारण वायरल मामलों में अचानक उछाल देखते हैं। यह वायरस ज्यादातर 50 साल से ऊपर और 15 साल से कम उम्र के लोगों में होता है।
इसके अलावा, प्रदूषण भी ट्रिगरिंग तत्वों में से एक है। इसे रोकने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, मास्क पहनें और लोगों को उचित श्वसन स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए और बात करते समय दूरी बनाए रखनी चाहिए। इसके साथ ही दो दिन से ज्यादा बुखार रहने पर डॉक्टर से सलाह लें।
H3N2वायरस के लक्षण
- बुखार
- खांसी
- गला खराब होना
- उल्टी करना
- दस्त
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