बंगाल में SIR से पहले ECI की सख्ती, 1000 बूथ स्तरीय अधिकारियों को भेजा नोटिस; लगाए कई आरोप

West Bengal Booth Level Officers Notice: पश्चिम बंगाल में आगामी विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान से पहले निर्वाचन आयोग (ECI) ने करीब 1000बूथ स्तर के अधिकारियों (BLOs) को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस चुनावी कर्तव्यों में कथित लापरवाही और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950की धारा 32के उल्लंघन के लिए दिए गए हैं। आयोग का यह कदम राज्य में पारदर्शी मतदाता कराना है।
ECI के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इन BLOs ने संबंधित निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) की बार-बार की अपील के बावजूद ERO-NET पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत नहीं किया। यह पोर्टल चुनावी कार्यों के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग का मुख्य माध्यम है और इसकी अनदेखी को आयोग ने 'जानबूझकर लापरवाही' और 'कर्तव्य में गंभीर चूक' माना है। नोटिस में BLOs को तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है, अन्यथा विभागीय नियमों के तहत अनुशासनात्मक या दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ड्यूटी से मुक्ति की कोशिशें
इसके अलावा राज्य में 600 से अधिक BLOs ने चुनावी ड्यूटी से राहत की मांग की थी, जिसके जवाब में भी शो-कॉज नोटिस जारी किए गए। इनमें से अधिकांश BLOs राज्य संचालित स्कूलों के शिक्षक हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल ने हाल ही में शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर शिक्षकों की अनिच्छा पर नाराजगी जताई थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल पीठ के स्पष्ट निर्देश के बावजूद, कई शिक्षक ड्यूटी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। नोटिस में BLOs को 72 घंटों में अपनी राहत याचिका का औचित्य साबित करने को कहा गया है। CEO कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, बिना वैध कारण के कोई छूट नहीं मिलेगी, क्योंकि चुनावी काल में BLOs को ECI के अधीन प्रतिनियुक्त माना जाता है।
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