विपक्ष के सवालों पर मोदी सरकार का वार! जारी किया विशेष सत्र का एजेंडा, इन 4 विधेयक पर होंगी चर्चा

Pm modi: मोदी सरकार द्वारा 18 सितंबर को बुलाई गई विशेष सत्र को लेकर अब नई खबर सामने आई है। दरअसल पीएम मोदी ने विशेष सत्र बुलाने के एजेंडा का खुलासा किया है। साथ ही इससे विपक्ष पार्टियों द्वार उठ रहे मुद्दो पर भी विराम लग गया है। पीएम मोदी ने सत्र बुलाने के एजेडा के लिए एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने बताया कि इस विशेष सत्र में 4 विधेयकों को पारित किया जाएगा।
पत्र में बता गया है कि विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों में संसद की यात्रा पर चर्चा होगी। साथ ही संविधान सभा से लेकर आज तक संसदीय यात्रा पर चर्चा होगी। दरअसल, (3 अगस्त) पिछले महीने अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 को राज्यसभा में पारित किया गया था। इन्हें अब लोकसभा में पेश किया जाएगा।
विशेष सत्र में इन मुद्दों पर बात करेंगे पीएम मोदी
इसके अलावा राज्यसभा में डाकघर विधेयक, 2023 व मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 पेश किए गए थे, जिन पर अब विशेष सत्र के दौरान चर्चा होगी। इस पत्र क बार कांग्रेस की और से भी प्रतिक्रिया सामने आई है तो वहीं भाजपा की और से भी बयान जारी के जा रहे है। बता दें कि यब विशेष सत्र 5 दिन तक चलने वाला है। जो 18-22 सितंबर तक चलेगा।
कांग्रेस महासचिव ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
दरअसल कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आखिरकार सोनिया गांधी के दबाव के बाद पत्र लिखकर मोदी सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने की कृपा की है। फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उसमें कुछ भी नहीं है - इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था। मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है! इसके बावजूद, भारत की पार्टियां घातक सीईसी विधेयक का डटकर विरोध करेंगी।
140 करोड़ भारतीय इस एजेंडे से निराश हैं- सी वेणुगोपाल
इसके अलावा कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि अब तक घोषित संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा उठाए गए सार्वजनिक महत्व के एक भी मुद्दे की बात नहीं की गई है। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी। इसके बजाय, उन्होंने हेडलाइन प्रबंधन को चुना है। 140 करोड़ भारतीय इस एजेंडे को देखकर बेहद निराश हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 2021 में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। आज की घोषणा हमें बताती है कि संसद के विशेष सत्र में इसी कारण से चर्चा होगी। क्या सरकार विचारों से इतनी विहीन है कि वह 3 साल में एक ही अवसर दो बार मना रही है? या यह ध्यान भटकाने वाली एक और रणनीति है?
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