CJI गवई पर जूता फेंकने की घटना से पूरे देश में आक्रोश, PM मोदी ने की कड़ी निंदा, बोले - हर भारतीय नाराज

PM Modi Talk CJI B.R. Gavai: सुप्रीम कोर्ट के परिसर में मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर एक वकील द्वारा जूता फेंकने की कोशिश वाली घटना से हर भारतीय नाराज हैं। यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी चुनौती देती प्रतीत होती है। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को CJI गवई से फोन पर बातचीत की। उन्होंने इस 'निंदनीय' कृत्य की कड़ी निंदा की और कहा कि इससे 'हर भारतीय नाराज' है। वहीं, इस घटना के बाद राजनीतिक दलों, न्यायिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर इसका विरोध जताया है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें, सोमवार 06अक्टूबर सुबह करीब 11:35बजे सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 1में CJI बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच विभिन्न मामलों की सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान 71वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश किशोर ने अचानक हंगामा मचाया। उन्होंने CJI की ओर जूता उछालने की कोशिश की, लेकिन जूता जस्टिस चंद्रन के पास गिर गया। इसके बाद उन्होंने 'सनातन का अपमान नहीं सहेगें' का नारा भी लगाया फिर सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उसे पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया।
शुरुआती जांच से पता चला है कि यह हमला CJI गवई की हालिया टिप्पणी की वजह से किया गया था। दरअसल, हाल ही में, मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की एक सात फुट ऊंची क्षत-विक्षत मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की याचिका की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान CJI ने कहा था कि वे सभी धर्मों में विश्वास रखते हैं और 'सच्चा सेकुलरिज्म' सभी को समान मानता है। लेकिन उनकी ये टिप्पणी सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बन गई। जिसके बाद CJI ने ओपन कोर्ट में स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।
PM मोदी ने CJI गवई से की बात
वहीं, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम को एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने CJI गवई के साथ हुई अपनी बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने लिखा 'मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की। आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है।'
PM मोदी ने CJI गवई के धैर्य की खूब सराहना की। उन्होंने कहा 'ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा दिखाई गई शांति और संयम की मैं सराहना करता हूं। यह न्याय के मूल्यों और संविधान की भावना को मजबूत करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।' मोदी का यह बयान राजनीतिक हलकों में तुरंत चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि विपक्ष ने पहले ही सरकार से इस पर त्वरित प्रतिक्रिया की मांग की थी। विपक्ष ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे 'न्यायपालिका और कानून के शासन पर हमला' बताया।
BCI ने वकील को किया सस्पेंड
दूसरी तरफ, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करते हुए राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यानी अब वह किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल में वकालत नहीं कर सकेंगे। BCI ने उनके वकालत लाइसेंस को रद्द कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही, उन्हें 15 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
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