Explained: क्या है Blood Money? जिसे देकर बच सकती है यमन में फसी केरल की नरस की जान
Blood Money: यमन में फंसी भारत की निमिषा प्रिया की जान बचाने के बदले केंद्र सरकार ने ब्लड मनी देने का फैसला किया है। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा पेशे से नर्स हैं। उस पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है, जिसके लिए उसे मौत की सजा सुनाई गई है। हालांकि पीड़ित परिवार को ब्लड मनी देकर निमिषा की फांसी रुकवाई जा सकती है। आइए समझते हैं कि ब्लड मनी क्या है और इसे देकर किसी भारतीय नागरिक की जान कैसे बचाई जा सकती है।
निमिषा को बचाने के लिए उनके परिवार ने 'सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' बनाई है। काउंसिल के मुताबिक, उनकी रिहाई के लिए बातचीत शुरू करने के लिए 40,000 डॉलर की शुरुआती रकम दी जाएगी। प्रिया को सजा से पूरी तरह बचाने के लिए करीब 3 से 4 लाख डॉलर का भुगतान और करना होगा। धन एकत्र होने के बाद, इसे भारतीय विदेश मंत्रालय के माध्यम से सना में भारतीय दूतावास में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
क्या है निमिषा प्रिया का पूरा मामला?
निमिषा एक दशक पहले अपने परिवार के साथ यमन गई थी। वहां उन्होंने यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ मिलकर एक अस्पताल शुरू किया। उनके पति और बेटी 2014 में भारत लौट आए। लेकिन काम की वजह से निमिषा वापस नहीं आ सकीं। कुछ देर बाद तलाल और निमिषा के बीच विवाद शुरू हो गया। तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट छीन कर अपने पास रख लिया। जब निमिषा ने इसकी शिकायत वहां के अधिकारियों से की तो तलाल ने उन्हें बताया कि वह निमिषा का पति है। अधिकारियों ने फिर दोबारा हस्तक्षेप नहीं किया।
निमिषा को यमन छोड़ने के लिए पासपोर्ट की जरूरत थी। ऐसे में उन्होंने जुलाई 2017 में तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन देकर पासपोर्ट वापस पाने के बारे में सोचा,लेकिन इसमें तलाल की मौत हो गई। निमिषा ने दूसरे शख्स की मदद से तलाल की लाश को छुपा दिया। लेकिन कुछ दिन बाद मामले का खुलासा हो गया। निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और मौत की सजा दी गई। उनके सहयोगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तभी से ये मामला चल रहा है।
ब्लड मनी क्या है?
यमन के संविधान में इस्लाम को राज्य धर्म घोषित किया गया है। यहां की कानूनी व्यवस्था इस्लामी कानूनी सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें ब्लड मनी का जिक्र है। इस्लामी कानून के अनुसार, अपराध के पीड़ितों को यह तय करने का अधिकार है कि अपराधी को कैसे दंडित किया जाना चाहिए। सज़ा का एक विकल्प है क़िसास और दूसरा है दियाह (जिसे ब्लड मनी भी कहा जाता है)। इसके मुताबिक, हत्या के मामले में पीड़ित परिवार दोषी को मौत की सजा देने का विकल्प चुन सकता है।
हालाँकि, मारे गए व्यक्ति का परिवार आरोपी के परिवार से पैसे लेकर अपराधी को माफ कर सकता है। इसे ब्लड मनी कहा जाता है। इसी तरह निमिषा की मां भी ब्लड मनी देकर समझौता करना चाहती है।
भारत सरकार कैसे मदद कर रही है?
विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री वी। मुरलीधरन ने साल 2023 में राज्यसभा को बताया था कि सरकार ने निमिषा प्रिया को उनके मामले में सहायता प्रदान की है। सरकार ने उनके मामले का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) से एक वकील नियुक्त किया है। मंत्रालय उनके वकील के जरिए लगातार मामले की निगरानी कर रहा है।
कितनी होगी ब्लड मनी, बातचीत के बाद होगी तय
भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त यमनी वकील निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी और एक्शन काउंसिल के सदस्य सैमुअल जेरोम, भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों के साथ 40,000 डॉलर का भुगतान करके पहले दौर की बातचीत और चर्चा शुरू करेंगे। निमिषा की मां और सैमुअल जेरोम पिछले दो महीने से यमन में रह रहे हैं। स्टेट्समैन की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले दौर की बातचीत के बाद ही ब्लड मनी की रकम तय होगी।
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