राष्ट्रपति मुर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन, राम मंदिर, अंतरिक्ष में भारत की छलांग समेत इन सभी मुद्दो पर दी बधाई
President Draupadi Murmu Speech:गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र, संविधान, इसरो, सेना और युवा समेत कई मुद्दों का जिक्र किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हमारे गणतंत्र का 75वां वर्ष, कई मायनों में, देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है और यह युग परिवर्तन का समय है। उन्होंने देशवासियों से कहा, ''लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसीलिए भारत को 'लोकतंत्र की जननी' कहा जाता है।''
कल हम संविधान की शुरुआत का जश्न मनाएंगे
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देती हूं। कल हम संविधान की शुरुआत का जश्न मनाएंगे। संविधान की प्रस्तावना हम लोगों से शुरू होती है। ये शब्द हमारे संविधान की मूल भावना को रेखांकित करते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से बहुत पुरानी है, इसीलिए भारत को 'लोकतंत्र की जननी' कहा जाता है।
मूल मूल्यों को याद करने का अवसर
राष्ट्रपति ने कहा, गणतंत्र दिवस हमारे मूल मूल्यों और सिद्धांतों को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जब हम उन बुनियादी सिद्धांतों में से एक पर विचार करते हैं, तो अन्य सभी सिद्धांत भी स्वाभाविक रूप से हमारे ध्यान में आते हैं।
राम मंदिर पर क्या कहा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राम मंदिर को भारत की अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाएगा।
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