मॉनसून का कहर अभी भी जारी, आंध्र की बाढ़ में 4 लोग बहे, तो महाराष्ट्र से मिले पांच के शव

Rain Alert: उत्तर-पश्चिम भारत से विदा लेते मानसून ने दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में अपनी आखिरी सांसें उग्रता से छोड़ी हैं। आंध्र प्रदेश के अन्नामय्या जिले में रायचोटी के आसपास भारी वर्षा ने चार जिंदगियों को ले लिया। शुक्रवार रात एक कॉलोनी में 28वर्षीय महिला और उनका नाबालिग बेटा तेज बहाव में बह गए, जबकि उन्हें बचाने उतरे पड़ोसी भी धारा की चपेट में आ गए।
अलग घटना में ट्यूशन से लौट रही आठ वर्षीय बच्ची भी पानी की धारा में समा गई, जिसका शव अगले दिन मिला। इसी क्रम में महाराष्ट्र के लातूर में दो दिनों की मूसलाधार बारिश ने पांच लोगों की जान ले ली। मंगलवार को एक किसान नदी पार करते हुए बहा, तो एक ऑटो रिक्शा में सवार पांच यात्री पुल पर पानी की चपेट में फंस गए—जिनमें से दो लापता थे। डोंगरगांव झील में दो अन्य डूबे। एनडीआरएफ और स्थानीय टीमों ने 40घंटे की मशक्कत के बाद शव बरामद किए, जबकि फसलें और घर तबाह हो चुके हैं।
तीस्ता का उफान और राजस्थान की विदाई वर्षा
सिक्किम के पाकयोंग जिले में तीस्ता नदी का जलस्तर चरम पर पहुंच गया, जहां रंगपो के पास एक व्यक्ति दाह संस्कार के दौरान फिसलकर बह गया। बचाव प्रयास विफल रहे और वह अब तक लापता है। पुलिस टीमें तलाश में जुटी हैं। दूसरी ओर, राजस्थान में मानसून की वापसी के बावजूद कई जिलों में भारी बारिश ने अलर्ट बजा दिया। उदयपुर, कोटा, भरतपुर और जयपुर संभागों में गुरुवार से शुरू हुई बौछारें शुक्रवार तक रुकीं नहीं। शनिवार सुबह तक भीलवाड़ा के बिजोलिया में 100मिमी, बूंदी के नैनवा में 96मिमी और सवाई माधोपुर में 50मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई। मौसम विभाग ने आठ जिलों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है, जो साप्ताहिक छुट्टियों को प्रभावित कर सकता है।
हिमाचल-झारखंड में सड़कें बंद, बिजली का कहर
हिमाचल प्रदेश में मानसूनी मार ने 20 जून से 430 लोगों की जान ले ली है, हालांकि अब बारिश में कमी आ रही है। शनिवार शाम तक दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 373सड़कें अवरुद्ध रहीं, 43ट्रांसफार्मर फेल हुए और 145पेयजल योजनाएं ठप। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बहाली में और वक्त लगेगा, जबकि नुकसान आंकन जारी है। झारखंड के गढ़वा में तो बिजली गिरने से एक 65वर्षीय महिला धान के खेत में काम करते हुए मारी गई। दोपहर की आंधी में वह चपेट में आ गई, और पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। ये घटनाएं मानसून के अंतिम चरण की क्रूरता को दर्शाती हैं, जहां विदाई के बजाय विनाश ही नजर आ रहा है।
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