महिला पार्षदों की जगह आए पतियों पर भड़कीं कलेक्टर, बोली- महिलाएं अब इतनी सशक्त हैं...

IAS Ruchika Chauhan: ग्वालियर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने देश में महिला प्रतिनिधित्व और उनकी स्वतंत्र पहचान पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला शहर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक का है, जिसे जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने बुलाया था। यह बैठक शहर की समस्याओं पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी, जिसमें सभी पार्षदों को आमंत्रित किया गया था।
महिलाएंअपना कार्य स्वयं कर सकती हैं- कलेक्टर
बैठक की शुरुआत होते ही कलेक्टर ने देखा कि कई महिला पार्षदों की जगह उनके पति बैठक में उपस्थित थे और पार्षदों की कुर्सियों पर बैठ गए थे। इस दृश्य को देखकर कलेक्टर का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए इन पुरुषों को कड़ी फटकार लगाई और स्पष्ट शब्दों में कहा:"महिलाएं अब इतनी सशक्त हैं कि वे अपना कार्य स्वयं कर सकती हैं — और उन्हें करने देना चाहिए।"
कलेक्टर ने महिला प्रतिनिधियों की जगह बैठक में बैठे उनके पतियों को तुरंत कुर्सियों से उठने का आदेश दिया और उन्हें दर्शक दीर्घा में जाकर बैठने को कहा।
महिला पार्षदों की भूमिका निभाएं महिलाएं स्वयं: रुचिका चौहान
ग्वालियर नगर निगम की एक अहम बैठक के दौरान जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने महिला पार्षदों की जगह उनके पतियों की मौजूदगी पर आपत्ति जताते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में महिलाओं को अपने दायित्व खुद निभाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्वालियर प्रदेश के प्रमुख नगर निगमों में शामिल है, और यहां प्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे क्षेत्र की समस्याओं को समझकर खुद समाधान की दिशा में पहल करें।
कलेक्टर ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिला है, तो ज़िम्मेदारी भी उन्हीं की बनती है कि वे मीटिंग्स में खुद भाग लें, अपनी बात रखें और निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाएं। इससे न केवल उनकी भागीदारी मजबूत होगी, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
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