यूरोप में दिखा गर्मी का कहर, 62700 लोगों की मौत के बाद दुनियाभर में बढ़ा खतरा

23 प्रतिशत बढ़ी मौत की दरें
1 जून से 30 सितंबर 2024 तक मौत की दर 23 प्रतिशत बढ़ गई। लेकिन कुल मौतें 2022 की 67900 से थोड़ी कम रही थीं। स्टडी के मुख्य लेखक टोमास जानोस ने बताया कि ये आंकड़ा हमें बता रहा है कि हमें अपनी आबादी को गर्मी से बचाने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के अनुसार, 2024 की गर्मी यूरोप की अब तक की सबसे गर्म गर्मी थी। अनुमानित मौतों में से दो-तिहाई दक्षिणी यूरोप में हुईं। इटली में सबसे ज्यादा मौतें रहीं, क्योंकि वहां बुजुर्गों की आबादी सबसे ज्यादा है। तीन साल तक गर्मियों के मौसम में तापमान बहुत ऊंचा रहा, जिसकी वजह से लोग काफी परेशान रहे।
2025 में भी पड़ी भीषण गर्मी
हालांकि, स्टडी में 2025 को शामिल नहीं किया गया, लेकिन इटली की इमरजेंसी मेडिसिन सोसाइटी ने कहा कि इस साल बढ़ते तापमान के कारण कुछ इलाकों में इमरजेंसी रूम में आने वालों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ गई। इससे पता चलता है कि बुजुर्गों के लिए गर्मी का खतरा अभी भी बना हुआ है। सिम्यू के अध्यक्ष एलेसांद्रो रिकार्डी ने रॉयटर्स को बताया कि वे मरीज जो पहले से कमजोर थे और कई बीमारियों से जूझ रहे थे, वह ज्यादा बिमार पड़ रहे हैं। इससे अस्पतालों पर दबाव बढ़ा, जैसे फ्लू के मौसम में होता है।
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