शशि थरूर ने मानी अपनी गलती, रूस-यूक्रेन युद्ध पर मोदी सरकार की आलोचना पर जताया अफसोस

Shashi Tharoor OnIndia Stance On Russia Ukraine War: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत की नीति का विरोध करने पर उन्हें बाद में शर्मिंदगी उठानी पड़ी। उन्होंने कहा कि भारत की कूटनीतिक नीति के कारण अब देश ऐसी स्थिति में है, जहां वह स्थायी शांति की दिशा में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
बता दें कि, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब शशि थरूर ने भारत की तटस्थ नीति की आलोचना की थी। उन्होंने भारत से आक्रमण की खुले तौर पर निंदा करने की मांग की थी। लेकिन अब उन्होंने स्वीकार किया कि भारत की संतुलित नीति ने उसे एक मजबूत कूटनीतिक स्थिति में पहुंचा दिया है।
'प्रधानमंत्री दोनों देशों में स्वीकार किए जाते हैं'
थरूर ने कहा कि भारत की रणनीति ने देश को ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित कर दिया है, जो रूस और यूक्रेन दोनों के राष्ट्रपतियों से मिल सकते हैं। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी दो हफ्ते के अंतराल में दोनों देशों के राष्ट्रपतियों को गले लगा सकते हैं और दोनों उन्हें स्वीकार भी करेंगे।"
अपनी ही आलोचना पर जताई शर्मिंदगी
रायसीना डायलॉग के एक सत्र के दौरान थरूर ने कहा, "मैं अभी भी अपनी शर्मिंदगी कम करने की कोशिश कर रहा हूं। मैंने फरवरी 2022में भारत के रुख की आलोचना की थी, लेकिन अब महसूस करता हूं कि यह सही नीति थी।"
संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून पर जोर
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने अपनी आलोचना का कारण बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सीमाओं की अनुल्लंघनीयता का उल्लंघन हुआ था। उन्होंने कहा, "यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला हुआ और भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय विवादों के समाधान के लिए बल प्रयोग को अस्वीकार करने के पक्ष में रहा है।"
थरूर ने अंत में कहा कि भारत की मजबूत कूटनीति और संतुलित नीति ने उसे रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने में मददगार स्थिति में ला दिया है।
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