Mossad: क्या 52 साल पहले की कहानी को दुहराया इजरायल ने? हानिया की मौत और ओलंपिक का क्या है राज?

Wrath Of god: इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन हमास चीफ इस्माइल हानिया मौत की गहरी निंद सो चुका है। हालांकि, उसकी मौत की बिसात आज से 9 महीने पहले यानि 7 अक्टूबर को लिखी जा चुकी थी। जब हमास के सैकड़ों आतंकियों ने हमास के मासूम लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। वहीं, कई लोगों को बंधक बना कर गाजा ले गए थे। शायद हमास के आतंकियों ने ये सोचा होगा कि इजरायली बंधक उनके पास रहेंगे तो इजरायल उनकी बातों को मान लेगा। लेकिन जिन्होंने भी इजरायल को जाना है, समझा है, वो जानते हैं कि इजरायल अपने दुश्मनों को कभी नहीं भूलता है। और दुनिया की ये सोच, आज फिर सही साबित हुई।
जितने महीने में एक बच्चा गर्भ से बाहर आता है, ठीक उतने महीनों बाद हमास के प्रमुख को इजरायल ने जगन्नुम भेज दिया है। बुधवार तड़के सुबह ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया मारा गया। हालांकि, अभी तक इजरायल ने हानिया की मौत की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन इस हमले ने 52 साल पहले हुए एक घटना और मोसाद की याद दिला है। जी हां, आज से 52 साल पहले जब विश्व आज की तरह ओलंपिक में व्यस्त था, तब कुछ ऐसा हुआ था, जिसके बाद दुनिया ने पहली बार इजरायल की ताकत को देखी था।
ओलंपिक से क्या है कनेक्शन
6 सितंबर 1972,दुनिया जर्मनी के म्यूनिख ओलंपिक की तैयारियों में व्यस्त था। इस दौरान फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन ‘ब्लैक सेप्टेम्बर’ ने ओलंपिक में हिस्सा लेने पहुंची इजरायली टीम के फ्लेट्स में घुसकर नौ खिलाड़ियों को बंधक बना लिया था। वहीं, दो खिलाड़ियों की जान ले ली थी। आतंकियों ने खिलाड़ियों को छोड़ने के लिए सरकार के सामने कुछ मांगे रखी। इस मांगों में सबसे अहम था कि इजरायल के जेल में बंद 200 आतंकियों को छोड़ना। उस वक्त इजरायल के प्रधानमंत्री गोल्डा मेयर ने आतंकियों की मांगों को मानने से इंकार कर दिया। हालांकि, इजरायल की यह नीति रही है कि उन्होंने कभी अपने दुश्मनों से समझौता नहीं किया है। इजरायल सरकार के मना करने के बाद आतंकी सभी खिलाड़ियों को लेकर एयरपोर्ट की ओर निकल गए। जहां जर्मनी सुरक्षाबलों के साथ फायरिंग के बीच सभी इजरायली खिलाड़ी मारे गए। इस एनकाउंटर में आठ से पांच आतंकी मारे गए जबकि अदनान अल गाशे, जमाल अल गाशे और मोहम्मद सफादी जिदा पकड़े गए।
मोसाद को दुनिया ने पहचाना
इस घटना ने पूरी दुनिया को सन्न कर दिया था तो वहीं इजरायल की सरकार आतंकियों के खात्मे का प्लान बना रही थी। घटना के दो दिन बाद ही सीरिया और लेबनान के कई इलाकों पर बमबारी करके इजरायल ने 200 आतंकियों को मार गिराया था। लेकिन ये तो उस साजिश में शामिल लोगों के अंत की शुरुवात थी। कुछ ही दिनों बाद खिलाड़ियों की हत्या में शामिल आतंकियों को उनके साथियों ने प्लेन हाई जैक करके छुड़ा लिया। तीनों आतंकियों की रिहाई के बाद इजरायल के पीएम ने एक कमेटी बनाई और उस कमेटी ने 35 आतंकियों की लिस्ट, जो इजरायली खिलाड़ियों की हत्या में शामिल था। और सरकार की ओर मोसाद को इन आतंकियों को ढूंढ़ कर मारने को कहा गया। 16 अक्टूबर 1972 को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ‘रैथ ऑफ गॉड’ नाम के एक मिशन की शुरुवात की। मोसाद ने पहली हत्या इटली की राजधानी रोम में की। मोसाद ने रोम के एक होटल में वेल जेवेतर नामके शख्स की हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें जेवेतर राम में ब्लैक सेप्टेम्बर का चीफ था। इसके बाद 8 दिसंबर 1972 को महमूद हमशारी को निशाना बनाया गया। हमशारी फ्रांस में ब्लैक सेप्टेम्बर का चीफ हुआ करता था। हमास ने बड़ी चालाकी से उसके घर में घुसकर उसके टेलीफोन में बम फिट किया और जब महमूद ने फोन रिसीव किया वैसे ही एक ब्लास्ट के साथ ही उसकी मौत हो गई।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular


Leave a Reply