बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस ने चला दलित कार्ड! अखिलेश प्रसाद को हटाकर राजेश कुमार को बनाया प्रदेश अध्यक्ष

नई दिल्ली: कुछ महीनों के बाद ही बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इस बार कांग्रेस पहले से ज्यादा सक्रिय दिख रही है। कांग्रेस ने पहले ही कन्हैया कुमार बिहार भेज कर सियासी उथल-पुथल तेज कर दी है। इसके बाद कांग्रेस ने एक बड़ा सियासी दांव खेलते हुए सभी राजनीतिक पाटियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने बिहार में अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा बदलाव किया है।
आगमी चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अखिलेश प्रसाद सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया है। उनकी जगह दलित समुदाय के नेता राजेश कुमार को बिहार में कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। अखिलेश प्रसाद सिंह भूमिहार समुदाय से आते हैं। कांग्रेस के इस बदलाव को बड़ा राजनीति उलटफेर माना जा रहा है।
दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश
बिहार के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र से राजेश कुमार विधायक है। उन्हें दलित समाज का बड़ा नेता माना जाता है। बता दें कि बिहार में चुनाव काफी हद तक जातीय समीकरण पर निर्भर करता है। इसको देखते हुए कांग्रेस ने राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। साथ ही चुनाव में दलित मतदाताओं को साधने की बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
अखिलेश प्रसाद सिंह का पार्टियों ने साथ मतभेद
जानकारी के मुतबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का पिछले कुछ महीनों से पार्टी के नेताओं से काफी ज्यादा मतभेद चल रहे थे। वहीं, अखिलेश सिंह ने बिहार में कांग्रेस की यात्रा को लेकर नाराजगी भी जाहिर की थी। इसके अलावा संगठन में समन्वय की कमी और गुटबाजी की शिकायतें भी सामने आई थीं, जिसके चलते पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने का फैसला किया।
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर
कांग्रेस के इस फैसले के बाद बिहार की राजनीति बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इस बार बिहार में कांग्रेस अपने दम दलित वोट के सहारे बढ़ना चाहती है। इसके बदलाव के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद के साथ सीट शेयरिंग को लेकर मामला फंस सकता है। साथ ही बिहार में महागठबंधन भी प्रवाभित हो सकता है।
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