Monsoon Session: “हम रील नहीं बनाते, काम करने वाले लोग हैं”, विपक्ष पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का फूटा गुस्सा

Rail Minister Fire On Train Accidents: संसद के मॉनसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तीखी नोकझोंक देखने को मिल रही है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बीच हुई बहस का शोर अभी थमा नहीं था कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष पर भड़क गए। लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि हम केवल रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं।
दरअसल, देश में लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं पर विपक्ष हंगामा कर रहा था। विपक्ष के हंगामे से बिफर कर रेल मंत्री ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि 58 साल जब आप सत्ता में थे तो क्यों नहीं एक कीलोमीटर भी ऑटोमेटीक ट्रेन प्रोटेक्शन लगा पाए?बता दें, पिछले कुछ महीनों में कई रेल दुर्घटना की तस्वीरें भारत के विभिन्न हिस्सों से सामने आई है। अगर पिछले 15 दिनों की बात करें तो कुल आठ ट्रेन हादसे हुए हैं, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई है तो वहीं 100 से अधिक लोग घायल हो गए है।
विपक्ष पर आंख बबूला हुए रेल मंत्री
लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भाषण दे रहे थे। उसी समय लगातार हो रहे रेल हादसो को लेकर विपक्ष हल्ला करने लगा। विपक्ष के इस व्यवहार से रेल मंत्री गुस्सा गए और स्पीकर से पूछा कि क्या ऐसे देश चलेगा?इसके बाद रेल मंत्री ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सोशल मीडिया के द्वारा झूठ फैलाते हैं। उन्होंने कहा, “अयोध्या स्टेशन की एक पुरानी दिवार गिर गई, जिसके बाद कांग्रेस और सपा के सोशल मीडिया ट्रोल इस मुद्दे को उठाने लगे। ऐसे झूठ से कैसे देश चलेगा?हर दिन भारतीय रेलवे में दो करोड़ लोग सफर करते हैं। क्या विपक्ष उन लोगों के मन में भय डालना चाहती है?रेल मंत्री ने कांग्रेस की सरकार के समय को याद करवाते हुए कहा,“याद करिए जब देश की रेल मंत्री ममता बनर्जी हुआ करती थीं, तब देश में हादसा आंकड़ा 0.24 से घटकर 0.19 हो गया था तो ताली बजा रहे थे। और जब आज रेल हादसो का आंकड़ा 0.19 से घटकर 0.3 रह गया है तो ये इस तरह का दोष लगाते हैं।
रेल हादसा रोकने के लिए क्या कर रही है सरकार?
हालांकि, सदन में रेल मंत्री ने यह भी बताया कि लगातार हो रहे रेल हादसों को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है। रेल मंत्री ने कहा कि जहां हर साल कोई स्कूल बस या अन्य दुर्घटना हो जाती थी, उन सब जगहों पर मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार में आने के बाद हमने 2015 में एटीपी डेवलप करने का संकल्प लिया और 2016 में कवच के ट्रायल्स शुरू हुए। कोविड के बावजूद 2020-21 में इसके एक्सटेंडेट ट्रायल्स हुए, तीन मैन्युफैक्चरर्स को चिह्नित किया और और 2023 में तीन हजार किलोमीटर का प्रोजेक्ट रोलआउट हुआ और आज हम उस स्थिति में है कि दो मैन्युफैक्चरर्स जुड़ने वाले हैं, हमने आठ हजार से अधिक इंजीनियर्स को प्रशिक्षित किया है।
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