भारत-यूके के संबंधों में आर्थिक साझेदारी का नया युग, मेगा रोडमैप और FTA पर जल्द लगेगी मुहर

India-UK Free Trade Agreement: भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और कीर स्टारमर की उपस्थिति में औपचारिक रूप लेने जा रहा है। ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि यह समझौता बाजार पहुंच को काफी बढ़ाएगा और वार्षिक व्यापार को लगभग 34अरब डॉलर तक ले जाएगा। ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता माना जा रहा यह एफटीए, 6मई को बनी सहमति के आधार पर, 2030तक व्यापार को 120अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। इसमें भारतीय निर्यात पर 99%और ब्रिटिश उत्पादों पर 90%शुल्क में कमी शामिल है, जिससे दोनों देशों में उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए उत्पाद सस्ते और सुलभ होंगे।
उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों तक बेहतर पहुंच
यह समझौता आयात शुल्क को औसतन 15%से घटाकर 3%करने के साथ उपभोक्ता बाजारों को बदल देगा। भारतीय उपभोक्ताओं को सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, कार और चिकित्सा उपकरण जैसे ब्रिटिश उत्पाद कम कीमत पर उपलब्ध होंगे। दूसरी ओर, ब्रिटेन में भारतीय वस्तुओं, खासकर 11अरब पाउंड के कपड़ों के आयात पर शुल्क में छूट से ब्रिटिश उपभोक्ताओं को सस्ते भारतीय उत्पाद मिलेंगे। यह भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन में निर्यात बढ़ाने में मदद करेगा। दोनों नेता "यूके-भारत विजन 2035" भी लॉन्च करेंगे, जो वैश्विक परिस्थितियों में साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
आर्थिक विकास और रोजगार के लिए जीत
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस एफटीए को ब्रिटेन के लिए "बड़ी जीत" करार दिया, जो देश भर में हजारों नौकरियां पैदा करेगा और आर्थिक विकास को गति देगा। यह समझौता ब्रिटेन के परिवर्तनकारी एजेंडे का हिस्सा है, जो व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलेगा। व्यापार बाधाओं को कम करके और आपसी विकास को बढ़ावा देकर, भारत-यूके एफटीए दोनों देशों के लिए एक मजबूत, भविष्योन्मुखी साझेदारी की नींव रखता है।
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