चौथी बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा आज, 75 किमी लंबे मार्ग पर भाई चारे का अद्भुत सहयोग, भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी संभाली कमान

HARYANA NEWS: धार्मिक आस्था, सामाजिक सौहार्द और प्रशासनिक मुस्तैदी का प्रतीक बनी चौथी बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा आज नूंह जिले में आयोजित की जा रही है। यात्रा दोपहर 12बजे नलहड़ स्थित प्रसिद्ध नलहड़ेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर फिरोजपुर झिरका के झिरकेश्वर मंदिर पहुंचेगी और पुनहाना खंड के गांव सिंगार स्थित श्रृंगेश्वर महादेव मंदिर में सम्पन्न होगी। यह यात्रा लगभग 75किलोमीटर का लंबा सफर तय करेगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, हर मोड़ पर पुलिस तैनात
जिला प्रशासन और पुलिस ने यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से सम्पन्न कराने के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया है। हर चौक-चौराहे, कस्बे और गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। ड्रोन कैमरों, घुड़सवार पुलिस, डॉग स्क्वॉड और आरपीएफ की कई कंपनियां तैनात की गई हैं। रूट डायवर्जन, पार्किंग व्यवस्थाएं और भीड़ प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।
भाईचारे का संदेश: मुस्लिम समाज करेगा फूलों की वर्षा
यात्रा को सफल और ऐतिहासिक बनाने में समाज के सभी वर्गों ने अहम भूमिका निभाई है। खासकर मुस्लिम समाज, पंचायत प्रतिनिधि, समाजसेवी संगठनों और मौजिज लोगों द्वारा यात्रा का 41स्थानों पर फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया जाएगा। इन सभी स्वागत कार्यक्रमों को प्रशासन द्वारा पूर्व स्वीकृति प्राप्त है, जो सामाजिक समरसता और आपसी सहयोग का अनूठा उदाहरण है।
भाजपा भी करेगी भव्य स्वागत
यात्रा मार्ग में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा 37स्थानों पर अलग से स्वागत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में यात्रा पर पुष्प वर्षा, जल वितरण, भंडारे और स्वागत द्वार जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। इससे यात्रा की भव्यता और उत्साह में और वृद्धि हुई है।
प्रशासन पूरी तरह तैयार
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा और पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार स्वयं यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर चुके हैं और तमाम जरूरी व्यवस्थाएं समय से पूरी कर ली गई हैं। आपातकालीन सेवाएं, चिकित्सा दल, जल वितरण केंद्र, और विश्राम स्थल भी चिन्हित कर तैयार किए गए हैं।
बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह मेवात में सांप्रदायिक सौहार्द, आपसी एकता और सामाजिक सहयोग की मिसाल बनकर उभरी है। आज जब यात्रा का काफिला नूंह से होकर सिंगार गांव पहुंचेगा, तब वह सिर्फ श्रद्धालुओं का कारवां नहीं होगा, बल्कि मेवात की मेल-जोल वाली संस्कृति का चलता-फिरता उदाहरण होगा।
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