आरक्षण वाले बयान पर सुप्रिया ने दी सफाई, बोलीं- मैं अपने बच्चों की बात कर रही थी

Political Controversy: सांसद सुप्रिया सुले एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गई। हाल ही में उन्होंने आरक्षण को लेकर बयान दिया था। बयान में उन्होंने अपने बच्चों के लिए आरक्षण की जरूरत से इनकार किया था, जिसके बाद विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी। इस आलोचना के बाद मीडिया से खास बातचीत के दौरान अपने बयान पर सफाई दी। साथ ही उन्होंने पार्टी के ओबीसी सेल के स्टेट अध्यक्ष राज राजापुरकर को सरकार से सुरक्षा देने की मांग की। इस मुद्दे को लेकर सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट हूं कि हमें सबको बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा लिखे संविधान का पालन करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ये देश संविधान के अनुसार चले।
सुप्रिया ने सफाई में कही ये बात
सांसद सुप्रिया ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैं खास तौर पर अपने बच्चों की बात कर रही थी। मैं एक उदार परिवार में पैदा हुई और एक बहुत उदार परिवार में शादी की। सुप्रिया सुले के रूप में नैतिक और सिद्धांतवादी रूप से महिलाओं के आरक्षण का फायदा लेना मुझे सही नहीं लगा। मेरा पॉइंट केवल मेरे दो बच्चों तक सीमित था। यदि लोग मेरी पूरी बातचीत सुनेंगे तो समझ जाएंगे। मेरे बच्चे सशक्त और शिक्षित हैं, उन्हें आरक्षण नहीं मांगना चाहिए।
जाति-आधारित आरक्षण क्यों है जरूरी?
इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या आप जाति-आधारित आरक्षण में विश्वास रखती हैं? तो इस पर उन्होंने कहा कि हां ये अभी जरूरी है। हम कई सामाजिक मुद्दों और चुनौतियों के साथ जी रहे हैं। हमें सबको साथ ले जाना चाहिए। ये बाबासाहेब का सपना था और मैं उनका सम्मान करती हूं। उन्होंने ये भी कहा कि डेटा के आधार पर चलें तो उदाहरण के लिए, लिंगायत, धनगर और मराठा समुदायों ने आरक्षण की मांग की है, जिस पर निश्चित रूप से बात होनी चाहिए। लेकिन एससी और एसटी आरक्षण का मुद्दा पहले ही सेटल हो चुका है।
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