'रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत', ट्रंप ने की हवा-हवाई बातें
Trump Statement On India-Russia Relation: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर एक बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा 'मैंने सुना है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मुझे नहीं पता कि यह सही है या गलत, लेकिन यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है।' ट्रंप का यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक तेल व्यापार की जटिलताओं को उजागर करता है।
ट्रंप का बयान
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान 01अगस्त को दिया, जब उनसे भारत के रूस से तेल खरीदने और इसके लिए अमेरिका द्वारा लगाए गए 25%टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माने के बारे में सवाल पूछा गया। ट्रंप ने पहले भारत पर रूस के साथ व्यापार करने के लिए आलोचना की थी। उन्होंने दावा किया था कि भारत की नीतियां अमेरिकी कंपनियों के लिए व्यापार में बाधा उत्पन्न करती हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत द्वारा रूस से तेल और हथियार खरीदने से रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद मिल रही है।
ट्रंप का यह बयान तब सामने आया, जब भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है। फरवरी 2022में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत अपने कुल कच्चे तेल आयात का केवल 0.2%रूस से खरीदता था। लेकिन युद्ध के बाद, रूस ने सस्ते दामों पर तेल की पेशकश की, जिसके कारण भारत की निर्भरता रूस पर बढ़कर 35-40%हो गई। यानी रूस अब भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है, जिसने इराक और सऊदी अरब जैसे पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ दिया है।
मालूम हो कि ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो अब 7 अगस्त, 2025 से लागू होगी। इसके अलावा रूस के साथ व्यापार करने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की भी बात कही गई है। ट्रंप की यह नीति भारत को रूस के बजाय अमेरिका या उसके सहयोगी देशों, जैसे पाकिस्तान, से तेल खरीदने के लिए दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
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